36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बुजुर्गों की देखभाल के लिए बने कार्यक्रम को देखभाल की जरूरत

रांची: बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियां घेरने लगती हैं. यदि समय पर एक छत तले बुजुर्गों को सभी सुविधाएं अस्पतालों में मिल जाये, तो उन्हें समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. इसी सोच के साथ केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीइ) की शुरुआत की. इसके तहत सरकारी अस्पतालों में सीनियर सिटीजन […]

रांची: बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियां घेरने लगती हैं. यदि समय पर एक छत तले बुजुर्गों को सभी सुविधाएं अस्पतालों में मिल जाये, तो उन्हें समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. इसी सोच के साथ केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीइ) की शुरुआत की.

इसके तहत सरकारी अस्पतालों
में सीनियर सिटीजन को ओपीडी से लेकर वार्ड तक की अलग से सुविधा मिलनी है. पर झारखंड में इस योजना की स्थिति ठीक नहीं. वित्त वर्ष 2016-17 में सभी 24 जिलों में यह कार्यक्रम शुरू होना था, पर अभी यह अस्पतालों के ओपीडी (बाह्य चिकित्सा कक्ष) तक ही सीमित है. कहीं भी पूरी सुविधा नहीं मिल रही. जानकारी के अनुसार राज्य में इस अभियान को शुरू करने के लिए शुरुआती दौर में तीन जिलों का चुनाव किया गया था, उसमें रांची, धनबाद व बोकारो शामिल थे. बाद में अन्य 10 जिलों को भी इसमें शामिल किया गया. इन 13 जिलों के लिए कुल 199 अतिरिक्त कर्मियों की व्यवस्था करनी थी, पर अब तक महज 31 कर्मचारी ही बहाल किये जा सके. इस वजह से इन 13 जिलों में ही अब तक सही तरीके से यह योजना शुरू नहीं हो सकी.
क्या होना था
अस्पतालों में अलग से बुजुर्गों के लिए 10 बेड का वार्ड बनाना था. उसी में सारी सुविधाओं के साथ फिजियोथेरेपी की भी सुविधा देनी थी. प्रखंड स्तर तक अलग से व्यवस्था करनी थी. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने 11वीं योजना अवधि के दौरान वृद्धजनों की विभिन्न स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं के समाधान के लिए वित्त वर्ष 2010-11 में इस योजना की शुरुआत की थी.
क्या हुआ
वर्तमान में राज्य के 13 जिलों को टारगेट कर जो तैयारी की गयी थी उसमें भी कमी रह गयी. 13 जिलों के लिए 26 मेडिसिन डॉक्टर बहाल होने थे, पर हुए एक भी नहीं. इसी प्रकार 78 नर्सों की जगह आठ, 13 फिजियोथेरेपिस्ट की जगह तीन, 26 हॉस्पिटल अटेंडेंट की जगह छह, 26 सैनेटरी अटेंडेंट की जगह चार और 30 रिहैबिलेशन वर्कर की जगह मात्र 10 ही बहाल किये जा सके हैं. जिलों में यह योजना लेप्रोसी पदाधिकारियों की निगरानी में चल रही है. गत वित्त वर्ष में राज्य भर में 62,826 बुजुर्ग मरीजों की इस योजना के तहत जांच की गयी थी, पर उन्हें पूरी सुविधा नहीं दी जा सकी थी.
जल्द सारी सुविधाएं दी जायेंगी : डॉ आरपी गुप्ता
योजना के राज्य पदाधिकारी डॉ आरपी गुप्ता के अनुसार जल्द ही पूरे राज्य में यह योजना काम करने लगेगी. उन्होंने कहा कि अभी उपलब्ध संसाधनों से बेहतर सुविधा दी जा रही है. शीघ्र सब ठीक हो जायेगा. हर जगह टीम लगी हुई है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें