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तंबाकू के खिलाफ विशेष अभियान नौ से
14 जिले हैं टारगेट, आठ में विशेष अभियान वित्तीय वर्ष 2017-18 में सभी 24 जिलों में चलेगा अभियान पूरे राज्य में प्रचार प्रसार में भी आयी तेजी रांची : नौ जनवरी से राज्य के आठ जिलों में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विशेष ड्राइव चलेगा. इसकी शुरुआत रांची से की जायेगी. इस दौरान जहां […]
14 जिले हैं टारगेट, आठ में विशेष अभियान
वित्तीय वर्ष 2017-18 में सभी 24 जिलों में चलेगा अभियान
पूरे राज्य में प्रचार प्रसार में भी आयी तेजी
रांची : नौ जनवरी से राज्य के आठ जिलों में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विशेष ड्राइव चलेगा. इसकी शुरुआत रांची से की जायेगी. इस दौरान जहां धावा दल इलाके मेंछापेमारी करेगा, वहीं स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान सहित अन्य प्रचार-प्रसार का अभियान चलेगा.
इसके लिए टीम का गठन कर लिया गया है. जिला व प्रखंड स्तर पर एक साथ अभियान शुरू करने की तैयारी है.
उक्त आशय की सूचना देते हुए अभियान के स्टेट कंसलटेंट राजीव कुमार ने बताया कि रांची के अलावा पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, धनबाद, गढ़वा, हजारीबाग, कोडरमा व लातेहार में भी अभियान शुरू किया जायेगा. सनद रहे कि इस वर्ष राज्य के 14 जिलों को टारगेट किया गया है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में पूरे राज्य में अभियान चलाने की तैयारी की गयी है. अभियान को तेज करने के लिए पटना की स्वयंसेवी संस्था सीड्स (सोसयो इकोनॉमी एंड एजुकेशनल सोसाइटी) को भी अभियान से जोड़ा गया है.
इसके लिए अधिकतर जिले में टीम का गठन कर लिया गया है. जहां बचा है, वहां जल्द कर लिया जायेगा. पूरे राज्य में प्रचार में एकरूपता रखने की व्यवस्था की गयी है. इसके लिए सभी जिलों को अतिरिक्त फंड भेजा गया है. तंबाकू के आदी या उससे बीमार लोगों को चिकित्सीय सुविधा के लिए भी प्रखंड स्तर तक सरकारी चिकित्सालयों में विशेष व्यवस्था की गयी है.
अभी कहीं-कहीं छोटे स्तर पर अभियान चल रहा है. इस संबंध में अभियान के राज्य प्रभारी डॉ ललित रंजन पाठक ने बताया कि हर साल तंबाकू से 10 से 12 लाख लोग मरते हैं. इस कारण इस अभियान के तहत लोगों को चिकित्सीय सुविधा के साथ जागरूक करने का भी काम किया जा रहा है. डॉ पाठक ने बताया कि चुकी तंबाकू से हर साल लोग मरते हैं, इस कारण कंपनियां नये उपभोक्ताओं की खोज में स्कूल-कॉलेज के बच्चों को टारगेट करती हैं. इसलिए खास कर स्कूल-कॉलेज के बच्चों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि तंबाकू बनानेवाली कंपनियों को नये उपभोक्ता नहीं मिले.
सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध क्षेत्र का बोर्ड लगाना अनिवार्य
सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003 के विभिन्न प्रावधानों से इस पर अंकुश लगाने की कोशिश की गयी है. कोटपा की धारा-4 के तहत सभी सरकारी व गैरसरकारी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध क्षेत्र का बोर्ड लगाना है. 60 गुणा 30 सेमी के आकार का बोर्ड नहीं होने पर उक्त संस्थान के प्रभारी को 200 रुपये का जुर्माना देना होगा. बोर्ड पर उस संस्थान के प्रभारी का नाम, पद व फोन नंबर, जिस पर शिकायत की जा सके, लिखा जाना आवश्यक है. धारा-6 अ के अनुसार तंबाकू उत्पाद विक्रेताओं को 60गुणा 30 सेमी के आकार का बोर्ड दुकान के बाहर सहज दिखनेवाले स्थान पर लगाना होगा.
उक्त बोर्ड पर आधे हिस्से में सचित्र स्वास्थ्य चेतावनी एवं आधे हिस्से में 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को तंबाकू उत्पादों की बिक्री दंडनीय अपराध है, लिखा हुआ होना चाहिए. उक्त बोर्ड तंबाकू उत्पाद बिक्री की दुकान पर नहीं होने पर उसे 200 रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा. धारा-6 बी के अनुसार शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद नहीं बेचे जा सकते हैं. इसके लिए शिक्षण संस्थानों के प्रभारी को शैक्षणिक संस्था के प्रत्येक प्रवेश द्वार पर चेतावनी बोर्ड लगाना आवश्यक है. उक्त बोर्ड नहीं लगा होने पर संस्था प्रभारी पर 200 रुपये का जुर्माना होगा. धारा-5 के तहत तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन नहीं होगा, साथ ही 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा तंबाकू उत्पादों को बेचने व खरीदने पर भी प्रतिबंध है.
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