महिला के अनुसार उसने छह फरवरी 2015 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बेड़ो में आयोजित शिविर में बंध्याकरण (पंजीकरण संख्या 109) कराया था. तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी ने उसे सफल ऑपरेशन का प्रमाण पत्र (ज्ञापांक 457 दिनांक 19 मई 2015) भी निर्गत किया था. महिला के अनुसार कुछ दिनों तक सबकुछ ठीक-ठाक था. अचानक पेट फूलने लगा, तो वह 18 नवंबर 2016 को दिखाने स्वास्थ्य केंद्र, बेड़ो गयी. वहां से डॉक्टर ने उसे सदर अस्पताल रांची भेज दिया.
जहां 26 नवंबर 2016 को अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि उसे छह माह का गर्भ है. यह सुनने के बाद महिला व उसके पति के पैरों तले जमीन खिसक गयी. महिला का पति नि:शक्त है. उस पर पहले से ही मां-बाप व पत्नी सहित तीन बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेवारी है. लेकिन एक और आने वाले बच्चे की खबर से वह मानसिक रूप से परेशान है.