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264 अंचलों में से 220 भू-अभिलेखों का िकया गया डिजिटलाइजेशन
रांची : रघुवर सरकार के दो साल के कार्यकाल के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार के काम में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं. भू-अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन में झारखंड के काम को सराहा जा रहा है. झारखंड के कुल 24 जिलों के 264 अंचलों में से 220 अंचलों में डिजिटलाइजेशन का काम पूरा कर लिया गया है. […]
रांची : रघुवर सरकार के दो साल के कार्यकाल के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार के काम में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं. भू-अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन में झारखंड के काम को सराहा जा रहा है. झारखंड के कुल 24 जिलों के 264 अंचलों में से 220 अंचलों में डिजिटलाइजेशन का काम पूरा कर लिया गया है. आधे जिले पूरी तरह डिजिटलाइज्ड हो गये हैं. शेष पर डिजिटलाइजेशन के लिए काम हो रहे हैं.
इंटीग्रेशन का काम भी बढ़ा : राज्य के निबंधन एवं राजस्व कार्यालयों को अॉनलाइन जोड़ने यानी उनके बीच इंटीग्रेशन के लिए तेजी से काम किये गये हैं. फिलहाल 20 जिलों के 111 अंचलों में इंटीग्रेशन का काम किया जा चुका है. इसके तहत जमीन रजिस्ट्री होते ही अंचल कार्यालय को इसकी जानकारी अॉनलाइन हो जायेगी और अंचल कार्यालय इसके दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू कर देगा. वहीं राजस्व कार्यालयों में कनेक्टिविटी भी स्थापित की जा रही है. कुल 129 राजस्व कार्यालयों में कनेक्टिविटी के लिए काम किये जा रहे हैं. इसमें 122 अंचल व सात निबंधन कार्यालय शामिल हैं.
बिहार से आया 75254 मैप : इस दरम्यान बिहार से झारखंड का नक्शा भी आना संभव हुआ है. बिहार व झारखंड दोनों सरकार के प्रयास से यह हुआ है. कुल 86,728 नक्शाों में से झारखंड को 75,254 नक्शा मिल गया है. झारखंड को दो चरणों में नक्शा मिला गया है. शेष 11,474 नक्शा लाने की तैयारी की जा रही है. राज्य गठन के बाद से अब तक झारखंड को नक्शा नहीं मिला था. नक्शा के लिए लोगों को पटना जाना पड़ता था. यह भी व्यवस्था हो रही है कि नक्शा बंदोबस्त कार्यालयों के अलावा मुख्यालय रांची में भी रखा जायेगा. अगर जिलों के बंदोबस्त कार्यालय में किसी तरह की दिक्कतें होती है, तो मुख्यालय में एक कॉपी रहेगा, जहां से उपलब्ध कराया जा सकेगा.
रांची में स्थापित होगा मुद्रण प्रेस : रांची में मुद्रण प्रेस की स्थापना की जायेगी. इसके लिए क्रय समिति का गठन भी कर लिया गया है. समिति ने एजेंसियों के चयन की कार्यवाही भी शुरू कर दी है. इस पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है. यह प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द इसे स्थापित कर दिये जाये.
व्यवस्था करना होगा बेहतर : अॉनलाइन व्यवस्था को अभी और बेहतर करने की जरूरत है. अॉनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया को और मजबूत करना होगा. कई मामलों में अभी भी लोगों को राजस्व कार्यालय दौड़ना पड़ रहा है. वहीं, बड़ी संख्या में ऐसे रैयत हैं, जिनके दस्तावेज अभी भी अॉनलाइन नहीं हुए हैं. नतीजन वे राजस्व कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. कर्मचारी-अधिकारी उन्हें दौड़ा रहे हैं. अगर कर्मियों पर अंकुश लगे और सारा काम अॉनलाइन हो, तो इस योजना का पूरा लाभ लोगों को मिल सकेगा.
अॉनलाइन करा रहे हैं लोग म्यूटेशन
इस दौरान विभाग ने अॉनलाइन म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) की व्यवस्था शुरू की है. लोगों को म्यूटेशन के लिए अंचल कार्यालय जाने के बजाय अॉनलाइन म्यूटेशन के लिए आवेदन देने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. वहीं, लोग अॉनलाइन लगान भी भर रहे हैं. अॉनलाइन रसीद भी मिल रही है. इसकी व्यवस्था भी की गयी है. फिलहाल राज्य के 15 जिलों के 108 अंचलों में अॉनलाइन लगाने की व्यवस्था चालू की गयी है. शेष पर करने की प्रक्रिया की जा रही है.
बनाया जा रहा है मॉडर्न रिकॉर्ड रूम
अब मॉडर्न रिकॉर्ड रूम भी बनाया जा रहा है. पहले चरण में 38 स्थानों पर यह काम किया जा रहा है. इसके लिए तेजी से काम हो रहे हैं. मॉडर्न रिकॉर्ड रूम से लोगों को काफी सहूलियत होगी. उन्हें भूमि संबंधी रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध हो सकेगा.
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