पेसा एक्ट के उल्लंघन पर भी ध्यान आकृष्ट कराया. ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड सरकार ने 23 नवंबर 2016 को सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक विधानसभा में चर्चा कराये बिना सिर्फ तीन मिनट में ही पारित कराया. इससे आदिवासी समुदाय की जमीन सुरक्षित नहीं रह पायेगी. संशोधित विधेयक में कहीं पर भी ग्रामसभा की अनुमति का उल्लेख नहीं है.
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एक्ट में किये गये संशोधन पर रोक लगायें राज्यपाल
रांची : पूर्वी सिंहभूम मांझी परगना माहाल का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को राज्यपाल द्रौपदी मुरमू से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किये गये संशोधन को रोकने की मांग की. पेसा एक्ट के उल्लंघन पर भी ध्यान आकृष्ट कराया. ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड सरकार ने 23 नवंबर 2016 […]
रांची : पूर्वी सिंहभूम मांझी परगना माहाल का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को राज्यपाल द्रौपदी मुरमू से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किये गये संशोधन को रोकने की मांग की.
अधिनियम में संशोधन कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है. ज्ञापन में कहा गया है कि पेसा एक्ट का उल्लंघन कर अनुसूचित क्षेत्र में गलत तरीके से झारखंड राज्य पंचायत अधिनियम रूपी नियमावली बना कर अौर उसके अनुरूप चला कर आदिवासियों की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास किया गया है. सदस्यों ने बताया कि पांचवीं अनुसूची के संदर्भ में संविधान के 243 (जेड) सी में उल्लेख किया गया है कि अनुसूचित क्षेत्रों में नगर पालिका/नगर निगम बनाना वर्जित है, लेकिन झारखंड सरकार ने मनमाने तरीके से नगर निगम व नगर पालिका का गठन किया है. इस पर रोक लगनी चाहिए. राज्यपाल से मिलनेवालों में बैजू मुर्मू, दासमत हांसदा, पुनता मुर्मू, कमला मुर्मू, डीसी मुर्मू, नरेश कुमार मुर्मू, दुर्गा चरण मुर्मू, बसंती मुर्मू आदि शामिल थे.
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