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नर्सों ने नेपाल हाउस सचिवालय घेरा

रांची: संविदा पर नियुक्त नर्सों ने मंगलवार को नेपाल हाउस सचिवालय को चारों तरफ से घेर लिया. सचिवालय के अंदर जाने वाले हर रास्ते पर वह धरने पर बैठ गयीं. नेपाल हाउस में अंदर जाने के लिए एक मुख्य प्रवेश द्वार है. इसके अलावा तीन अन्य द्वार भी हैं. झारखंड एनआरएचएम (एएनएम-जीएनएम) अनुबंध कर्मचारी संघ […]

रांची: संविदा पर नियुक्त नर्सों ने मंगलवार को नेपाल हाउस सचिवालय को चारों तरफ से घेर लिया. सचिवालय के अंदर जाने वाले हर रास्ते पर वह धरने पर बैठ गयीं. नेपाल हाउस में अंदर जाने के लिए एक मुख्य प्रवेश द्वार है. इसके अलावा तीन अन्य द्वार भी हैं. झारखंड एनआरएचएम (एएनएम-जीएनएम) अनुबंध कर्मचारी संघ के सदस्य प्रत्येक गेट पर दिन के 10.30 बजे ही पहुंच गये थे. इस कारण कई अधिकारी नेपाल हाउस में नहीं जा सके. सबसे अधिक लोग मुख्य प्रवेश द्वार पर जमे थे.

संघ के लोग आउटसोर्सिंग के आदेश को वापस लेने, समान काम समान वेतन, सेवा नियमित करने की मांग कर रहे थे. सचिवालय गेट पर जमकर नारेबाजी भी की गयी. प्रदर्शन का नेतृत्व झारखंड राज्य कर्मचारी महासंघ के महासचिव विद्यानंद विद्यार्थी व एएनएम-जीएनएम संघ की जूही मिंज कर रहे थे.

बाद में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने वार्ता के लिए 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बुलाया. संघ के सदस्य स्थायीकरण की मांग पर अड़े थे. उनका कहना था कि आउटसोर्सिंग होने से उनकी नौकरी चली जायेगी. इस पर सचिव ने आश्वस्त किया कि नौकरी किसी की नहीं जायेगी. सचिव ने कहा कि यह नीतिगत फैसला है, नियुक्ति नियमावली बन रही है. नियुक्ति होने पर पूर्व से काम कर रहे लोगों को प्राथमिकता दी जायेगी. समान वेतन समान काम के मुद्दे पर कहा कि इस पर सरकार निर्णय ले सकती है. सचिव ने कहा कि नर्स अपनी समस्या को लेकर हर 15 दिन पर उनसे मिल सकते हैं, पर वे ऐसा कोई काम न करें, जिससे दूसरे लोगों को तकलीफ हो. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में नर्स की भूमिका अहम है, इस बात को उन्हें समझना होगा. इसके बाद संघ के लोगों ने प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की. दिन के करीब 1.45 बजे सचिवालय का गेट खोला गया.
इधर, श्री त्रिपाठी ने पत्रकारों से कहा कि जो भी जायज मांग है, उस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. सेवा नियमित करने के लिए नियमावली बन रही है. कोशिश है कि सकारात्मक कदम उठाया जाये. उन्होंने कहा कि हर 15-15 दिनों पर वह नर्सों की समस्या को लेकर बैठक करेंगे. आउटर्सोसिंग केवल रिक्त पदों के लिए ही है. इधर, संघ की महासचिव जूही मिंज ने कहा कि सरकार यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो आंदोलन को और तेज किया जायेगा.

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