सीएनटी-एसपीटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधन को विधानसभा में पेश करने के बाद राज्यपाल के पास भेजा गया है. ऐसे में राज्यपाल प्रस्ताव पर असहमत होने पर कारण बताते हुए उसे एक बार सरकार को वापस लौटा सकती है. पर, राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट के माध्यम से प्रस्ताव दोबारा भेजे जाने पर उसे केंद्र को भेजना राज्यपाल की संवैधानिक बाध्यता
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सीएनटी में संशोधन की फाइल गवर्नर को भेजी
रांची : राज्य सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन की फाइल राज्यपाल द्रौपदी मुरमू को भेज दी है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद इसे गृह मंत्रालय को भेजा जायेगा. केंद्रीय गृहमंत्री की अनुशंसा के साथ प्रस्तावित संशोधन राष्ट्रपति की सहमति के लिए पेश किया जायेगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही राज्य सरकार एक्ट में […]
रांची : राज्य सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन की फाइल राज्यपाल द्रौपदी मुरमू को भेज दी है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद इसे गृह मंत्रालय को भेजा जायेगा. केंद्रीय गृहमंत्री की अनुशंसा के साथ प्रस्तावित संशोधन राष्ट्रपति की सहमति के लिए पेश किया जायेगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही राज्य सरकार एक्ट में किये गये संशोधन को लागू करेगी.
सीएनटी-एसपीटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधन को विधानसभा में पेश करने के बाद राज्यपाल के पास भेजा गया है. ऐसे में राज्यपाल प्रस्ताव पर असहमत होने पर कारण बताते हुए उसे एक बार सरकार को वापस लौटा सकती है. पर, राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट के माध्यम से प्रस्ताव दोबारा भेजे जाने पर उसे केंद्र को भेजना राज्यपाल की संवैधानिक बाध्यता
हो जायेगी.
विस से हुआ था पारित
पूर्व में भी राज्य सरकार द्वारा सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव अध्यादेश के रूप में राज्यपाल के माध्यम से गृह मंत्रालय को भेजा गया था. परंतु, विधानसभा सत्र आहूत होने तक अध्यादेश को केंद्र की अनुशंसा नहीं मिल सकी थी. विधानसभा सत्र में सरकार ने पूर्व में भेजे गये अध्यादेश में थोड़ा बदलाव कर संशोधन िवधेयक पेश किया था. हो-हंगामे के बीच इसे िवधानसभा से पारित भी करा लिया. उसके बाद सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर एक बार फिर से संशोधन प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा गया है.
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