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सीआरपीएफ मुख्यालय में कार्यशाला आज से

रांची: झारखंड सहित उग्रवाद प्रभावित 10 राज्यों से कैसे नक्सलियों का सफाया किया जाये. उनसे किस तरह से निबटा जाये. प्रशासनिक नीतियों और विकास कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए शांतिपूर्ण माहौल कायम किया जा सके. एक राज्य दूसरे राज्य से बेहतर समन्वय स्थापित कर कैसे एक-दूसरे को सहयोग करें. इन मुद्दों को लेकर बुधवार […]

रांची: झारखंड सहित उग्रवाद प्रभावित 10 राज्यों से कैसे नक्सलियों का सफाया किया जाये. उनसे किस तरह से निबटा जाये. प्रशासनिक नीतियों और विकास कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए शांतिपूर्ण माहौल कायम किया जा सके. एक राज्य दूसरे राज्य से बेहतर समन्वय स्थापित कर कैसे एक-दूसरे को सहयोग करें. इन मुद्दों को लेकर बुधवार से रांची सीआरपीएफ मुख्यालय में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है.

कार्यक्रम का उदघाटन बुधवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे. कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अफसर के विजय कुमार, ओड़िशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य के डीजीपी शामिल होंगे. इनके अलावा सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी और एसएसपी के डीजी व केंद्र की प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के लगभग 75 अधिकारी शामिल होंगे. यह जानकारी मंगलवार की शाम सीआरपीएफ मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सीआरपीएफ के एडीजी सुदीप लखटकिया ने दी. उनके साथ सीआरपीएफ आइजी के अलावा सीआरपीएफ के अन्य अधिकारी मौजूद थे .

एडीजी ने बताया कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा नक्सल समस्या है. इससे ग्रस्त राज्यों के लिए नक्सलियों से निबटना एक बड़ी चुनौती है. देश के 10 राज्य इससे सर्वाधिक प्रभावित है. नक्सलियों को देश के अंदर विदेशी ताकतों द्वारा पोषित आतंकवादी समूहों से सांठ-गांठ और वित्तीय सहयोग की पुष्टि पूर्व में हो चुकी है.

नक्सल समस्या के हर पहलू की जानकारी रखनेवाले विशेषज्ञों को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है. वे अपने ज्ञान एवं अनुभव को साझा कर लोगों को एक बेहतर सोच और एवं दिशा देने में योगदान देंगे. एडीजी ने बताया कि कार्यशाला का समापन 16 दिसंबर को होगा. इसमें गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर भी शामिल होंगे. एडीजी ने बताया कि कार्यशाला में जो विचार आयेंगे, उसके आधार पर नक्सलियों से निबटने और अन्य योजनाओं पर एकीकृत प्लान तैयार किया जायेगा, ताकि राज्य में विकास का कार्य हो सके.

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