36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूनिवर्सिटी लोक अदालत में 128 करोड़ का होगा भुगतान : जस्टिस डीएन पटेल

रांची. मानवाधिकार दिवस के अवसर पर 10 दिसंबर सुबह 10 बजे से झारखंड हाइकोर्ट परिसर में राज्य का तृतीय विश्वविद्यालय लोक अदालत का आयोजन किया गया है. इसमें राज्य के विश्वविद्यालयों के कार्यरत, सेवानिवृत्त शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों से संबंधित मामलों का निष्पादन किया जायेगा. हाइकोर्ट में लंबित 400 मामले निबटाये जायेंगे. 5,537 कर्मियों के […]

रांची. मानवाधिकार दिवस के अवसर पर 10 दिसंबर सुबह 10 बजे से झारखंड हाइकोर्ट परिसर में राज्य का तृतीय विश्वविद्यालय लोक अदालत का आयोजन किया गया है. इसमें राज्य के विश्वविद्यालयों के कार्यरत, सेवानिवृत्त शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों से संबंधित मामलों का निष्पादन किया जायेगा. हाइकोर्ट में लंबित 400 मामले निबटाये जायेंगे. 5,537 कर्मियों के बीच लगभग 128.56 करोड़ रुपये की राशि का चेक वितरित किया जायेगा.

मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल डाॅ द्राैपदी मुरमू, मुख्यमंत्री रघुवर दास व सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा उपस्थित रहेंगे. विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस आर भानुमति उपस्थित रहेंगी. झारखंड हाइकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती, सभी न्यायाधीशगण सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहेंगे. आयोजन से संबंधित सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. उक्त बातें झारखंड लीगल सर्विसेज अॉथोरिटी (झालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष सह झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डीएन पटेल ने कही. वे शुक्रवार को हाइकोर्ट के व्हाइट हॉल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. जस्टिस पटेल ने कहा कि झालसा में आवेदन देकर कोई भी व्यक्ति त्वरित न्याय प्राप्त कर सकता है.

लोक अदालत के फैसले की कोई अपील नहीं होती है. प्रथम विश्वविद्यालय लोक अदालत 13 मई 2012 को आयोजित की गयी थी, जिसमे छह करोड रुपये की राशि का भुगतान किया गया था. 22 मई 2012 को दूसरी लोक अदालत के बाद यह अपने तरह का तीसरा विश्वविद्यालय लोक अदालत है, जिसमें बड़ी राशि का भुगतान होने जा रहा है. इसमें 58 करोड़ रुपये यूजीसी से प्राप्त किया गया है.

इसकी तैयारी जून 2016 से ही शुरू कर दी गयी थी. जस्टिस पटेल ने कहा कि कोर्ट में लंबित मामलों में कमी लाने में लोक अदालत व मध्यस्थता केंद्र काफी कारगर साबित हो रहे है. एक जनवरी 2015 से लेकर अब तक कोर्ट में लंबित 69,580 मामलों का लोक अदालत में निष्पादित किया गया है, जबकि उक्त अवधि में 858 करोड़ रुपये का भुगतान संभव हुआ. जस्टिस पटेल के कहा कि अदालतों में न्याय पाने में काफी समय लग जाता है. न्याय पाने के वैकल्पिक माध्यमों का उपयोग करना लाभदायक है. समय व पैसे की बचत होती है. झालसा में आवेदन देने पर उसका निष्पादन जल्द होता है. नि:शुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते है. रांची डीएलएसए की सफलता दर 80 प्रतिशत तक पहुंच गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें