36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हाइकोर्ट ने कहा था 15 दिन में सरेंडर करें, 21 दिन बाद भी पद पर जमे हैं सहदेव

रांची : हाइकोर्ट ने संजीवनी बिल्डकाॅन घोटाले में रांची के तत्कालीन सब रजिस्ट्रार सहदेव मेहरा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. उन्हें निचली अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया है. पर हाइकोर्ट के आदेश के 21 दिन बाद भी सहदेव मेहरा ने सरेंडर नहीं किया. वह अब भी भू-राजस्व निबंधन विभाग में […]

रांची : हाइकोर्ट ने संजीवनी बिल्डकाॅन घोटाले में रांची के तत्कालीन सब रजिस्ट्रार सहदेव मेहरा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. उन्हें निचली अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया है. पर हाइकोर्ट के आदेश के 21 दिन बाद भी सहदेव मेहरा ने सरेंडर नहीं किया. वह अब भी भू-राजस्व निबंधन विभाग में आइआरओ के पद पर बने हुए हैं. हाइकोर्ट ने सुनवाई के बाद 17 नवंबर को अपना आदेश जारी किया था. सहदेव मेहरा पर साजिश रच कर संजीवनी बिल्डकॉन को मदद करने और रिश्वत में कार और रुपये लेने का आरोप है.
दायर की थी अग्रिम जमानत याचिका : मामले में सहदेव मेहरा ने हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि सीबीआइ की ओर से दर्ज की गयी प्राथमिकी (7-एस/2013-इओडब्ल्यू-आर) में लगाये गये आरोप गलत हैं. उन्होंने कोई गलती नहीं की है. सीबीआइ ने उन्हें फंसाने के उद्देश्य से गवाहों को डरा-धमका कर यह बयान दिलवाया है कि उन्होंने संजीवनी बिल्डकाॅन से बतौर घूस पांच लाख रुपये और एक एसएक्स-4 कार रिश्वत के रूप ली है. अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि इस बात की आशंका है कि सीबीआइ उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.
सीबीआइ ने किया था विरोध : मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि जांच में संजीवनी बिल्डकाॅन के साथ साजिश रच कर लोगों को ठगने का मामला प्रकाश में आया है. सहदेव मेहरा ने रांची में सब रजिस्ट्रार के पद पर कार्य करने के दौरान अपने पद का दुरुपयोग किया. साजिश में शामिल होकर 50 डिसमिल की वास्तविक जमीन को 245.97 डिसमिल दिखा कर अलग-अलग लोगों के नाम रजिस्ट्री करने में मदद की.

एेश्वर्या रेसिडेंसी फेज-टू में 1350 वर्ग फुट मकान और 120 वर्ग फुट की दुकान देने के नाम पर शिकायतकर्ता से 6.85 लाख रुपये की ठगी की गयी. वास्तविक जमीन से अधिक की रजिस्ट्री करने के बदले संजीवनी के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता ने मेहरा को पांच लाख रुपये घूस दी. इसके अलावा सहदेव मेहरा ने हर सेल डीड पर 500 रुपये रिश्वत ली. गुप्ता ने अपने ड्राइवर प्रवीण कुमार के नाम से 8.06 लाख रुपये में एसएक्स-4 कार खरीद कर सहदेव मेरहा को दी. इसी कार से हुई दुर्घटना में सहदेव मेहरा के पारिवारिक सदस्यों की मौत हो गयी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति अनंत विजय सिंह ने सहदेव मेहरा की अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी. उन्हें 15 दिन में निचली अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें