रांचीः शनिवार को रांची नगर निगम में नाली को लेकर हुए टेंडर विवाद में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय और निगम के सीइओ मनोज कुमार आमने-सामने हो गये हैं. पार्षदों से मिली जानकारी के अनुसार डिप्टी मेयर सीइओ के खिलाफ पार्षदों की बैठक में प्रस्ताव लायेंगे. उन्होंने सोमवार को नगर निगम में सभी पार्षदों की आपात बैठक बुलायी है. बैठक को लेकर रविवार को डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने पूर्व पार्षद राजेश गुप्ता छोटू के साथ मिल कर पार्षदों के घर डोर टू डोर कैंपेन चलाया. इधर, निगम सीइओ ने पत्र लिख कर डिप्टी मेयर से कहा है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है. इसलिए वे इस बैठक में भाग नहीं ले सकते हैं. उनकी अनुपस्थिति में निगम के डिप्टी सीइओ ओमप्रकाश शाह व कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार भाग लेंगे.
कई कारणों से नाराज हैं डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय
एनजीओ को सफाई कार्य नहीं देने से नाराज
शहर की सफाई व्यवस्था एक जनवरी, 2014 से एनजीओ को सौंपी जानी थी. इसके लिए सात एनजीओ का चयन भी हो गया था. परंतु, पार्षदों के बीच हुए विवाद के कारण निगम सीइओ ने निगम कर्मचारियों से सफाई व्यवस्था कराने का आदेश दिया. जबकि, 31 दिसंबर को ही डिप्टी मेयर ने पत्र लिख कर सीइओ से सफाई व्यवस्था एनजीओ के हवाले करने को कहा था, जिसे सीइओ ने नहीं माना. गौरतलब है कि एनजीओ शहर की सफाई करने के एवज में प्रतिमाह 1.75 करोड़ लेती, वहीं निगम खुद के द्वारा की जा रही सफाई में प्रतिमाह 1.15 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं.
एनजीओ को वेतन भुगतान करने के संबंध में
15 फरवरी को डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के तहत शहर में प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे 27 एनजीओ को छह करोड़ रुपये भुगतान करने का आदेश दिया. इस पर निगम सीइओ ने कहा कि एनजीओ के कार्य संतुष्टि प्रदान करनेवाला नहीं है. निगम ने कई एनजीओ की जांच भी करायी थी, जिसमें गड़बड़ी पायी गयी. नगर विकास विभाग ने भी एनजीओ को भुगतान नहीं करने का आदेश दिया है.