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रैबीज फ्री सिटी बनने की ओर अग्रसर है राजधानी

रांची. राजधानी रांची में पिछले दो साल में एक भी रैबीज का केस सामने नहीं आया है. दो वर्ष पहले वर्ष 2014 में रांची में रैबीज से तीन लोगों की मौत हुई थी, लेकिन वे मामले भी कांके क्षेत्र के थे. पिछले दो साल से चलाये जा रहे वैक्सीनेशन अभियान का ही असर है कि […]

रांची. राजधानी रांची में पिछले दो साल में एक भी रैबीज का केस सामने नहीं आया है. दो वर्ष पहले वर्ष 2014 में रांची में रैबीज से तीन लोगों की मौत हुई थी, लेकिन वे मामले भी कांके क्षेत्र के थे. पिछले दो साल से चलाये जा रहे वैक्सीनेशन अभियान का ही असर है कि आज दो साल में भी रैबीज का केस राजधानी में सामने नहीं आया है.
गुरुवार को जयपाल सिंह स्टेडियम स्थित होटल पिनाकल में आयोजित कार्यक्रम में मिशन रैबीज के रीजनल हेड प्रवीण ओहल ने बताया कि 2017 में मिशन रैबीज अभियान को व्यापक रूप से चलाया जायेगा. मौके पर पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती, होप फॉर एनीमल्स संस्था की चेयरमैन अंजली श्रीवास्तव, उप महापौर संजीव विजयवर्गीय सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे.

कार्यक्रम में उपस्थित मिशन रैबीज संस्था के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बुर्डन बेली ने कहा कि पिछले साल पागल कुत्ते के मरने के बाद उसके अंगों को जांच के लिए बेंगलुरू भेजा गया था. दो सालों में कई जिंदा कुत्तों के ब्लड का सैंपल भी जांच के लिए भेजा गया. उसकी रिपोर्ट आयी. पूर्व में मरे हुए कुत्ते के शरीर में रैबीज का वायरस काफी ज्यादा था. लेकिन बाद में जिन कुत्तों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया, उसमें रैबीज नहीं पाया गया.

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