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धान खरीद के लिए हाइटेक सिस्टम लांच

रांची: खाद्य, सार्वजनिक वितरण व उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने धान खरीद के लिए इ-उपार्जन सिस्टम की लांचिंग गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में की. यह पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड सिस्टम है. अब राज्य में किसानों से धान खरीद के लिए इसी सिस्टम को अपनाया जायेगा. मौके पर मंत्री ने कहा कि लंबे समय […]

रांची: खाद्य, सार्वजनिक वितरण व उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने धान खरीद के लिए इ-उपार्जन सिस्टम की लांचिंग गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में की. यह पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड सिस्टम है. अब राज्य में किसानों से धान खरीद के लिए इसी सिस्टम को अपनाया जायेगा.

मौके पर मंत्री ने कहा कि लंबे समय से हमें धान खरीद में परेशानी हो रही थी. वहीं किसानों को भी धान बेचने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही थी. इस सिस्टम के लांच हो जाने से परेशानियों से बचा जा सकेगा. फिलहाल रामगढ़ जिले को पायलट जिले के रूप में रखा गया है. यहां से धान की खरीद राज्य खाद्य निगम करेगा. मंत्री ने बताया कि पलामू, दक्षिणी छोटानागपुर व कोल्हान प्रमंडल में भारतीय खाद्य निगम व उसके द्वारा प्राधिकृत प्राइवेट प्लेयर्स (एनसीएमएल) व उतरी छोटानागपुर तथा संताल परगना में नाकोफ द्वारा धान खरीद का कार्य किया जायेगा. उन्होंने बताया कि एक से 31 दिसंबर तक धान अधिप्राप्ति का कार्य किया जायेगा. वहीं धान को संबंधित चावल मिल से उसना चावल तैयार कर एफसीआइ को भेजने की अंतिम तिथि 30 सितंबर तय की गयी है. मंत्री ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य चार लाख एमटी रखा गया है. वहीं साधारण धान का 1470 रुपये/क्विंटल व ग्रेड ए धान का 1510 रुपये/क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है. नयी व्यवस्था से किसानों को काफी लाभ होने की उम्मीद है.
क्या है इ-उपार्जन सिस्टम
विभागीय सचिव विनय चौबे ने बताया कि यह मल्टी स्टेट पैडी प्रोक्योरमेंट मॉनिटरिंग सिस्टम है. किसानों का इसमें निबंधन कराया गया है. अब तक रजिस्ट्रेशन के लिए 50 हजार फॉर्म बांटे गये हैं. करीब 20 हजार फॉर्म का सत्यापन हो गया है. हर प्रखंड में एक या दो प्रोक्योरमेंट सेंटर बनाये गये हैं. इसके माध्यम से निबंधित किसान ही धान बेच सकेंगे. सरकार धान खरीद के लिए किसानों को एसएमएस भेजेगी. इसमें दो-चार दिन बाद की तिथि अंकित रहेगी कि किसानों को धान बेचने के लिए कब आना है. उक्त तिथि को किसान आयेगा, तो उसकी धान खरीद ली जायेगी. किसानों से आधार नंबर भी लिया जायेगा. भुगतान कैश के बजाय आरटीजीएस या एनइएफटी के माध्यम से कराया जायेगा. लांचिंग के साथ ही रातू के तीन-चार किसानों को एसएमएस भेजा गया.

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