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कर्मियों के बैंक खाते में ही डालें वेतन का पैसा

निर्देश. केंद्रीय श्रम नियोजन और प्रशिक्षण मंत्रालय ने सभी कंपनियों और प्रतिष्ठानों के संचालकों से कहा रांची : केंद्रीय श्रम नियोजन और प्रशिक्षण मंत्रालय ने सभी कंपनियों और अन्य प्रतिष्ठानों के संचालकों को कर्मियों के वेतन का पैसा उनके बैंक खाते में डालने का निर्देश दिया है. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि […]

निर्देश. केंद्रीय श्रम नियोजन और प्रशिक्षण मंत्रालय ने सभी कंपनियों और प्रतिष्ठानों के संचालकों से कहा
रांची : केंद्रीय श्रम नियोजन और प्रशिक्षण मंत्रालय ने सभी कंपनियों और अन्य प्रतिष्ठानों के संचालकों को कर्मियों के वेतन का पैसा उनके बैंक खाते में डालने का निर्देश दिया है. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि नवंबर माह का वेतन दिसंबर के पहले सप्ताह में प्राथमिकता के आधार पर निर्गत किया जाये. अधिकतर कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों व प्रतिष्ठानों को वेतन का पैसा 10 दिसंबर के पहले देने का आदेश दिया गया है.
सभी नियोजनकर्ताओं व कांट्रैक्टरों से कहा गया है कि वे खाताधारकों की सूचना और उनके बैंक एकाउंट की एक प्रति केंद्र सरकार को भेजें. राज्यों के श्रमायुक्तों से इस पर निगरानी भी रखने को कहा गया है.
कंपनियों और नियोजनकर्ताओं से कहा गया है कि वे वेतन का पैसा सीधे प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिये खातों में डालें. असंगठित क्षेत्र में काम करनेवाले वैसे कर्मी, जिनका बैंक में खाता नहीं है, उनके खाते खुलवाने का भी अनुरोध मंत्रालय से किया गया है.
नये खाते आधार कार्ड से जुड़े होने चाहिए, इसकी भी हिदायत दी गयी है. यहां बताते चलें कि केंद्र सरकार के वित्त और श्रम मंत्रालय की पिछली सप्ताह हुई संयुक्त बैठक और राज्यों के बैंकरों के वीडियो कांफ्रेंसिंग में यह फैसला लिया गया. श्रम मंत्रालय के मुख्य श्रमायुक्त एके नायक ने इसे गंभीरता से लेने को कहा है. उन्होंने कहा है कि सभी प्रमुख नियोजनकर्ता अपने कर्मियों, कामगारों का बैंक खाता खुलवायें. इसमें कांट्रैक्ट और अस्थायी कर्मियों को भी शामिल किया जाये. सभी प्रमुख नियोजनकर्ताओं, कांट्रैक्टरों (ठेकेदारों) को भी सलाह दी गयी है कि वे किसी भी तरह का भुगतान और भत्ते का भुगतान बैंक से सुनिश्चित करें.
रांची : 500 आैर 1,000 के पुराने नोट बंद होने का असर रांची के रियल इस्टेट बाजार पर दिख रहा है. पहले से ही इस बाजार की स्थिति खराब थी. नोटबंदी के बाद स्थिति और खराब हो गयी है. जानकारी के अनुसार रांची में 90 से अधिक प्रोजेक्ट ठप हो गये हैं. इससे बिल्डर व डेवलपर परेशान हैं. साथ ही मजदूरों को भी परेशानी हो रही है.
बिल्डरों ने कहा कि अभी खासकर मजदूरों को पैसा भुगतान करने में परेशानी हो रही है. इसके लिए वैकल्पिक उपाय किये गये हैं. तत्काल मजदूरों व उनके परिवार के सदस्याें को खाने-पीने के लिए परेशान न होना पड़े, इसके लिए अलग-अलग राशन दुकानों से सामान दिलाने की व्यवस्था की गयी है. ठेकेदार को कई जगहों पर मजदूरी भुगतान के लिए चेक से पेमेंट किया जा रहा है. लेकिन ठेकेदार को नकद पैसा निकालने में परेशानी हो रही है. इस कारण मजदूरी भुगतान में विलंब हो रहा है.
बैंक से पैसा निकालने में परेशानी
एक बिल्डर ने बताया कि बैंक से पैसा निकालने में परेशानी हो रही है. दो-दो दिन स्टाफ को पैसा निकालने के लिए बैंक भेजा गया, लेकिन दोनों दिन स्टाफ लौट गया. नकद पैसा नहीं मिलने के कारण काफी परेशानी हो रही है. जब तक बैंकों में स्थिति सामान्य नहीं होगी. तब तक यह परेशानी होगी. उम्मीद है कि 15 दिनों के भीतर स्थिति सामान्य होगी.

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