रांची : अखिल झारखंड कर्मचारी महासंघ के तत्वावधान में झालकोकर्मियों द्वारा राजभवन के समक्ष किये जा रहे सत्याग्रह का गुरुवार को दूसरा दिन था. करो या मरो के तहत सात सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारी आंदोलन पर हैं. वक्ताअों ने कहा कि वर्ष 2011-2012 का संपूर्ण वेतन व चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल से लेकर अब तक के लंबित वेतन का भुगतान किया जाये.
कर्मियों का परिवार आर्थिक तंगी के कारण भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है. झालको को पुनर्जीवित करते हुए उसे योजना मद से 50 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया जाये, ताकि व योजनाअों को पूरा कर सके. अधिसूचना संख्या 1283/26.4.2005 को संशोधित करते हुए उसे वाणिज्यिक संस्था के बदले कल्याणकारी संस्था के रूप में अधिसूचित किया जाये.
वक्ताअों ने यह भी कहा कि मांगों पर कार्रवाई नहीं की गयी, तो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 19 नवंबर को नंग-धड़ंग प्रदर्शन करते हुए जल संसाधन मंत्री के आवास के समक्ष आंदोलनकारी भीख मांगेंगे. 20 नवंबर को जाकिर हुसैन पार्क राजभवन के समक्ष उपवास रखेंगे. मौके पर अध्यक्ष दुर्गा कच्छप, महासचिव घनश्याम रवानी, रवींद्र नाथ झा, योगेंद्र प्रसाद, खुर्शीद अनवर खां, मुन्नीलाल राम, मरियानुस खेस, रतन हेरेंज, नवीन कुमार, कुबेर शर्मा, राजेंद्र प्रसाद राय, दया शंकर सिंह, ब्रज कुमार झा, तारकेश्वर नाथ तिवारी, जीतेंद्र सिंह, दिलबोधन ठाकुर, उदय कुमार श्रीवास्तव, राम विलास सिंह, रामानुज वर्मा, राजा राम झा, खुर्शीद अहमद सहित 22 जिलों से आये झालकोकर्मी व झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नवीन चाैधरी भी मौजूद थे.