भाजपा इवेंट मैनेजर की भूमिका में है. आरबीआइ गवर्नर की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500-1000 के नोट हटाने की घोषणा करना नाटकीय है. उन्होंने कहा : प्रधानमंत्री वास्तव में काला धन हटाना चाहते हैं, तो उनको बैंकों के बड़े डिफॉल्टरों के नाम सार्वजनिक करने चाहिए, परंतु सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार डिफॉल्टरों के नाम सार्वजनिक नहीं करती है. नोटों के हटाने के तुगलकी फरमान ने गरीबों का जीना मुश्किल कर दिया है. बिना किसी तैयारी के अव्यावहारिक कदम उठाया गया है.
श्री भगत ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार संवेदनशीलता नहीं दिखा रही है. बैंकों में रुपये नहीं हैं. एटीएम खाली हैं. लोग रुपयों के लिए भागमभाग कर रहे हैं. सरकार और उसके पदाधिकारी मीडिया में बयान देने के अलावा कुछ और करते नजर नहीं आ रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस में विरोधी से संबंधित सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है. पार्टी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और प्रभारी मामले को देखेंगे. मामले में अनुशासन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट आला कमान को सौंप दी है.मौके पर आलोक दुबे, शमशेर आलम, राजीव रंजन, सलीम खान, लाल किशोरनाथ शाहदेव व शशिभूषण राय भी उपस्थित थे.