19-20 नवंबर 2016 को चुनाव अधिसूचना जारी कर दी जायेगी. कुलपति ने छात्र संगठनों से कहा कि विवि ने इस वर्ष चुनाव कराने का निर्णय लिया है. छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों को सिर्फ चुनाव को सफल बनाने तथा सुचारु रूप से संचालन के लिए सुझाव व सहयोग की अपील के लिए बुलाया गया. कुलपति ने कहा कि छात्र संघ चुनाव लिंग्दोह समिति की अनुशंसाअों के अनुरूप ही संचालित होगा. कुलपति की बात सुनने के बाद कई संगठनों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया. कई संगठन विजयी छात्र प्रतिनिधियों के अधिकार, कर्तव्य व कार्यकाल को लेकर हंगामा किया. इस पर कुलपति ने स्पष्ट किया कि इससे संबंधित सारी सूचनाएं विवि की आधिकारिक वेबसाइट पर शीघ्र उपलब्ध करा दी जायेगी.
चुनाव के बाद विजयी प्रतिनिधियों का कार्यकाल एक साल या अगले चुनाव तक का रहेगा. इसमें असमंजस वाली कोई बात नहीं है. एनएसयूआइ, झारखंड विकास छात्र मोरचा, झारखंड छात्र संघ सहित कई अन्य संगठनों ने चुनाव को खानापूर्ति बताया व इसका विरोध किया, जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, आजसू, झारखंड छात्र मोरचा ने छात्र संघ चुनाव कराने में विवि को सहयोग करने की बात कही. आजसू ने कुलपति के समक्ष कुछ मांगें रखते हुए चुनाव से पूर्व छात्र हित में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. झारखंड छात्र मोरचा ने कुलपति द्वारा चुनाव से पूर्व इस तरह की बैठक बुलाने का विरोध किया. मोरचा के तनुज खत्री व अनिकेत अोहदार ने कहा कि बुलाने का आखिर उद्देश्य क्या था. विवि चुनाव कराने के लिए स्वतंत्र है. जो संगठन चुनाव का विरोध करते हैं, वे चुनाव में हिस्सा ही नहीं लें. कुछ अल्पसंख्यक कॉलेजों के चुनाव में शामिल नहीं होने पर विवि के अन्य कॉलेजों के छात्रों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.
मोरचा ने कहा कि चुनाव होने के बाद छात्र प्रतिनिधि स्वयं लड़ कर अधिकार प्राप्त कर लेंगे. बैठक में विवि की अोर से डीएसडब्ल्यू डॉ सतीश चंद्र गुप्ता, कुलसचिव डॉ अमर कुमार चौधरी, एनएसएस को-अॉर्डिनेटर डॉ पीके झा, डॉ बीके सिन्हा आदि उपस्थित थे.