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इस बार मार्च में नहीं होगी पैसे की निकासी, समय से करें खर्च

रांची: कार्यशाला के दौरान डॉ कुलकर्णी ने भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस बार मार्च माह में एक रुपये की भी निकासी नहीं होगी. उन्होंने डोभा की दूसरी किस्त का भुगतान नहीं होने पर नाराजगी जतायी. कई जिलों ने जीर्णोद्धार के लिए तालाबों का चयन न हाेने और पंप सेट वितरण […]

रांची: कार्यशाला के दौरान डॉ कुलकर्णी ने भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस बार मार्च माह में एक रुपये की भी निकासी नहीं होगी. उन्होंने डोभा की दूसरी किस्त का भुगतान नहीं होने पर नाराजगी जतायी. कई जिलों ने जीर्णोद्धार के लिए तालाबों का चयन न हाेने और पंप सेट वितरण में देरी से भी वे नाराज दिखे. उन्होंने कृषि उपकरण बैंक खुलने में देरी पर अधिकारियों को फटकार भी लगायी.

कार्यशाला में कृषि निदेशक जटाशंकर चौधरी ने कहा कि अभी खेतों में जो नमी बची है, उसका उपयोग करना है. जीरो टिलेज खेती को बढ़ावा देना है. रबी की खेती का रकबा बढ़ाना राज्य के लिए चुनौती है. भूमि संरक्षण विभाग के निदेशक एफएन त्रिपाठी ने कहा कि मूल्यवर्द्धक फसलों का उत्पादन होना चाहिए. सभी विभागों को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए. अब तक 550 तालाबों का जीर्णोद्धार हो चुका है. बीएयू के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरपी सिंह रतन ने कहा कि खेती का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए कम खर्च वाली तकनीकी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
नये लोगों के खेती से नहीं जुड़ने पर चिंता : उद्यान निदेशक राजीव कुमार ने कहा कि नये लोग खेती से नहीं जुड़ रहे हैं. अभी 14 जिलों में सब्जी की खेती हो सकती है. राज्य में करीब 50 लाख पपीता का पौधा लगाया जायेगा. नाबार्ड के सीजीएम केसी पंडा ने कहा कि राज्य के सभी जिलों का स्केल ऑफ फाइनांस नहीं है. इससे परेशानी होती है. इस मौके पर सहकारिता विभाग की निबंधक मीना ठाकुर ने भी विचार रखा. संचालन उप निदेशक मुकेश कुमार ने किया.

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