जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है, उनमें तत्कालीन सीओ संदीप मधेसिया और रिटायर्ड सर्किल इंस्पेक्टर जीवन राम का भी नाम शामिल है. चार्जशीट गबन, साक्ष्य मिटाने, वन अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दायर की गयी है. चार्जशीट में एसीबी ने लिखा है कि डाक बंगला परिसर से छवि रंजन के निर्देश पर पेड़ों की अवैध ढंग से कटाई हुई थी. जिन पेड़ों की कटाई हुई थी, उनमें पांच सागवान और एक शीशम का पेड़ शामिल था. उल्लेखनीय है कि एसीबी ने छवि रंजन के खिलाफ आइपीसी की धारा और वन अधिनियम में मुकदमा चलाने की अनुमति सरकार से मांगी थी.
सरकार ने एक साथ आइपीसी की धारा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में भी मुकदमा चलाने की अनुमति एसीबी को दे दी थी, जबकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में झारखंड सरकार के पास किसी आइएएस के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने का अधिकार नहीं है. इसलिए मुकदमा चलाने से संबंधित अनुमति के प्रस्ताव को एसीबी ने सरकार को लौटा दिया था. बाद में फिर से सरकार ने बिना भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी. हालांकि हाइकोर्ट के एक जजमेंट के आधार पर एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में आइएएस छवि रंजन के खिलाफ चार्जशीट दायर करने का निर्णय लिया था. जजमेंट के तहत भारत सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं थी.