रांची: सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट को लेकर विपक्ष वोट बैंक की राजनीति कर रहा है. लोगों को दिग्भ्रमित किया जा रहा है. विपक्षी दल चाहते हैं कि एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग का विकास नहीं हो. इन्हें लगता है कि अगर विकास हो गया, तो राजनीति समाप्त […]
रांची: सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट को लेकर विपक्ष वोट बैंक की राजनीति कर रहा है. लोगों को दिग्भ्रमित किया जा रहा है. विपक्षी दल चाहते हैं कि एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग का विकास नहीं हो. इन्हें लगता है कि अगर विकास हो गया, तो राजनीति समाप्त हो जायेगी.
सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी व विधायक प्रदीप यादव दोहरा चरित्र अपना रहे हैं. समय और परिस्थिति के अनुसार इनका स्टैंड बदलता रहा है. वर्ष 2003 में श्री मरांडी ने गोड्डा में आयोजित संगोष्ठी में कहा था कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट की उपयोगिता अब नहीं रही. इसमें बदलाव होना चाहिए. तत्कालीन सांसद प्रदीप यादव ने भी कहा था कि इस कानून के रहते रैयतों को कोई फायदा नहीं होनेवाला है. आज जब सरकार विकास को लेकर सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन कर रही है, तो इनकी ओर से विरोध किया जा रहा है. श्री किशोर गुरुवार को भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
मौके पर विधायक रामकुमार पाहन, प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक प्रकाश, प्रवक्ता प्रेम मित्तल मौजूद थे. यह पूछे जाने पर कि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी सरकार की ओर से किये जा रहे संशोधन पर आपत्ति जतायी है. इस पर श्री किशोर ने कहा कि वर्ष 2003 में गोड्डा में हुई संगोष्ठी में श्री मुंडा भी थे. वे भी एक्ट में संशोधन के पक्षधर थे.
विकास के लिए एक्ट में संशोधन जरूरी
श्री किशोर ने कहा कि राज्य के विकास के लिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन जरूरी है. इसके बिना एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग को विकास के अवसर नहीं मिल पायेंगे. वर्तमान में 32 हजार किलोमीटर कच्ची ग्रामीण सड़कों को बनाना है. 30 लाख परिवार के घरों में बिजली पहुंचानी है. इसके लिए एक्ट में संशोधन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि एक्ट रहने के बावजूद भी अब तक इसका खुलेआम उल्लंघन होता आया है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि राजधानी रांची में जीइएल चर्च कांप्लेक्स कहां बना है. यह किसकी जमीन है. जब एक्ट में संशोधन नहीं हुआ है, तो इस जमीन का कैसे व्यावसायिक उपयोग हो रहा है?