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13 माह बाद गृह विभाग ने भेजा एसआइटी के गठन का प्रस्ताव

टंडवा-पिपरवार में कोयला कारोबारियों से हो रही अवैध वसूली से अर्जित संपति की जांच का मामला सुरजीत सिंह रांची : गृह विभाग ने 13 माह बाद मुख्यमंत्री को स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) के गठन का प्रस्ताव भेजा है. टंडवा-पिपरवार में कोयला कारोबारियों से हो रही अवैध वसूली से अर्जित संपत्ति की निष्पक्ष जांच के लिए […]

टंडवा-पिपरवार में कोयला कारोबारियों से हो रही अवैध वसूली से अर्जित संपति की जांच का मामला
सुरजीत सिंह
रांची : गृह विभाग ने 13 माह बाद मुख्यमंत्री को स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) के गठन का प्रस्ताव भेजा है. टंडवा-पिपरवार में कोयला कारोबारियों से हो रही अवैध वसूली से अर्जित संपत्ति की निष्पक्ष जांच के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.
इसमें कहा गया है कि टीपीसी के सहयोग से हो रही अवैध वसूली की जांच के लिए गठित एसआइटी के अध्यक्ष कोयला क्षेत्र के डीआइजी होंगे. एसआइटी के गठन के लिए सदस्य के रूप में खनन विभाग, वन विभाग, वाणिज्य कर विभाग, परिवहन विभाग और अन्य संबंधित विभाग के अपर समाहर्ता स्तर के अधिकारी होंगे.
इसके अलावा एसआइटी को सहयोग करने के लिए अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) के एक एसपी, एक डीएसपी और दो इंस्पेक्टर रैंक के पदाधिकारी को निर्देशित किया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि एसआइटी गठन के लिए पुलिस मुख्यालय ने करीब 13 माह पहले 25 अगस्त 2015 को गृह विभाग को एक प्रस्ताव भेजा था. जिसमें टंडवा-पिपरवार के 10 लोगों द्वारा अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति की जांच एसआइटी से कराने का अनुरोध किया गया था.
इडी की प्राथमिकी के बाद शुरू हुई कार्रवाई
टंडवा-पिपरवार इलाके में टीपीसी द्वारा की जा रही वसूली को लेकर इंफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट (इडी) ने प्राथमिकी दर्ज की है. 13 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इसके बाद से राज्य सरकार के अधिकारियों ने टीपीसी और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है.
कुछ दिन पहले अफसरों ने टीपीसी के प्रमुख ब्रजेश गंझु समेत करीब आधा दर्जन उग्रवादियों के खिलाफ इनाम की घोषणा करवा दी है. ब्रजेश पर 25 लाख का इनाम रखा गया है. यह संगठन पिछले चार-पांच सालों से टंडवा-पिपरवार में अवैध वसूली कर रहा है और सरकार ने इस संगठन को प्रतिबंधित कर रखा है. अब एसआइटी के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.
इडी की प्राथमिकी दर्ज करने से पहले किसी भी एजेंसी ने टीपीसी द्वारा की जा रही अवैध वसूली की जांच नहीं की. राज्य में जिला पुलिस, डीआइजी, आइजी, सीआइडी, पुलिस मुख्यालय जांच करने की एजेंसी है. किसी भी स्तर से जांच शुरू नहीं की गयी. पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को एसआइटी गठन के लिए अनुरोध पत्र भेजा. हालांकि पुलिस मुख्यालय को खुद जांच टीम का गठन करने का अधिकार है. कई मामलों में ऐसा हुआ भी है.

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