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आइएएस-आइपीएस अफसर निजी कंपनियों और संगठनों से अब नहीं ले सकेंगे पुरस्कार
रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने आइएएस व आइपीएस अफसरों को निजी कंपनियाें अौर गैर सरकारी संगठनों से पुरस्कार लेने से मना किया है. उन्होंने कहा है कि अफसरों द्वारा ऐसा करने से सरकार की छवि पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. वहीं, प्रशंसा व सम्मान समारोह में भाग लेने से अखिल भारतीय सेवाएं […]
रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने आइएएस व आइपीएस अफसरों को निजी कंपनियाें अौर गैर सरकारी संगठनों से पुरस्कार लेने से मना किया है. उन्होंने कहा है कि अफसरों द्वारा ऐसा करने से सरकार की छवि पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. वहीं, प्रशंसा व सम्मान समारोह में भाग लेने से अखिल भारतीय सेवाएं आचार नियमावली 1968 का उल्लंघन हो रहा है.
मुख्य सचिव ने अफसरों को व्यक्तिगत सम्मान समारोह में शामिल नहीं होने की भी हिदायत दी है. प्रावधान के तहत यह स्पष्ट किया गया है कि अखिल भारतीय सेवा के अफसर गैर सरकारी संस्थानों व संगठनों से पुरस्कार न लें. वहीं निजी कंपनियों से उपहार व प्रशंसा पत्र नहीं लें. मुख्य सचिव ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, प्रमंडलीय आयुक्त, उपायुक्त और आइपीएस सेवा में डीजीपी झारखंड को इस संबंध में पत्र लिखा है.
पत्र में कहा गया है कि किसी पदाधिकारी द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों पर सम्मान देने के लिए सरकार के पास प्रावधान है. उन्हें समय-समय पर सम्मानित भी किया जाता है. बेहतर काम में केवल एक अफसर का योगदान नहीं होता है, बल्कि पूरी टीम का योगदान होता है. ऐसे में एक के सम्मान से टीम भावना प्रभावित होती है. सीएस ने कहा कि कोई भी निजी कंपनी व एनजीअो सम्मान देने की बात करता है, तो उसे इंकार किया जाये. मुख्य सचिव तुरंत हुए रिटायर अफसरों को भी ऐसे कार्यक्रमों में भाग नहीं लेने को कहा है.
आवश्यक हो, तो लें अनुमति : मुख्य सचिव ने सभी अफसरों से प्रावधान का पालन करने को कहा है. उनसे कहा गया है कि अगर विशेष स्थिति में विशिष्ट पुरस्कार पाने की आवश्यकता हो, तो अपने नियंत्री विभाग के माध्यम से मुख्य सचिव व सरकार से अनुमति लेने की जरूरत होगी.
सवाल खड़ा होता है : सरकार में ऊंचे पदों में रहने या इसके बाद अगर कोई अफसर गैर सरकारी संगठन व संस्थान से पुरस्कार या प्रशंसा पत्र प्राप्त करता है, तो इसके अलग-अलग अर्थ निकाले जाते हैं. पब्लिसिटी के साथ ही राजनीतिक लाभ भी इससे मिलता है. इसका सीधा असर कार्यप्रणाली पर पड़ता है. कुल मिला कर इस पर सवाल खड़ा हो रहे हैं.
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