उन्होंने लिखा है कि सरकारी कार्यक्रमों में धर्मांतरण पर हो रही टिप्पणी से आहत अधिकारी वंदना डाडेल जी सामाजिक समरसरता की पैरोकार हैं या राम राज की जगह रोम राज की संस्थापना की संवाहिका. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा था कि जबरन धर्मांतरण करानेवालों की जगह जेल में होगी. हालांकि राज्य सरकार के शीर्षस्थ विभागीय सचिव पद पर आसीन वंदना डाडेल जी यह अच्छी तरह जानती होंगी कि लोक सेवा और सार्वजनिक जीवन में रहनेवाले लोगों की कोई भी टिप्पणी निजी नहीं होती, सभी के सामाजिक और सर्वव्यापी संदर्भ होते हैं.
ऐसे में क्या उनकी इस टिप्पणी को मुख्यमंत्री जी के विचारों के विरुद्ध प्रतियुद्ध के रूप में देखा जाये या नहीं. इस पर समुचित निर्णय उन्हें स्वयं भी लेना चाहिए और झारखंड के प्रबुद्ध समाज को भी.