जिलों के डीडीसी, एडीएसएस तथा एलडीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हुए श्रीमती वर्मा ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना से ग्रामीण स्तर के अंतिम व्यक्ति को जोड़ने और खाता धारकों का आधार संग्रह कर एनपीसीआइ मैपिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि जितने खातों की मैपिंग नहीं हुई है, उनकी समीक्षा होनी चाहिए. सीडिंग और मैपिंंग के अंतर को समाप्त करने के लिए पदाधिकारियों को बैंकों में जाकर निदान की कोशिश करनी चाहिए. मुख्य सचिव ने साहेबगंज और पाकुड़ में विशेष अभियान चलाकर डीबीटी के माध्यम से भुगतान सुनिश्चित करने की जरूरत बतायी. मुख्य सचिव को जानकारी दी गयी कि पीएमजेडीवाइ के तहत अब तक राज्य में 83.7 लाख खाते खोले गये हैं. पिछले एक महीने में 12 लाख खाते खोले गये हैं.
इनमें से 63.94 लाख खातों की सीडिंग की गयी है. 30.17 लाख लोगों का रूपे कार्ड भी एक्टिवेट किया जा चुका है. मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत खाता खोलने व सीडिंग में तेजी लाने की जरूरत बतायी. उन्होंने कहा कि सभी पेंशनधारियों का भुगतान डीबीटी के माध्यम से ही होना चाहिए. 17 से 25 अक्तूबर तक अभियान चला मनरेगा के तहत मजदूरों का खाता खोलने के निर्देश दिये. बैठक में व्यय सचिव सत्येंद्र सिंंह, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी समेत वित्त विभाग, मनरेगा, समाज कल्याण एवं विभिन्न बैंकों के पदाधिकारी मौजूद थे.