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अब तक शुरू नहीं हुए पांच मेसो अस्पताल
रांची: राज्य के जनजातीय इलाके (मेसो क्षेत्र) में बने कल्याण विभाग के पांच नये मेसो अस्पताल का संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है. इधर, बन कर बेकार पड़े इन अस्पतालों का भवन जर्जर हो रहा है. इन अस्पतालों की निर्माण लागत प्रति अस्पताल करीब 1.3 करोड़ रुपये है, जो केंद्र सरकार ने संविधान […]
रांची: राज्य के जनजातीय इलाके (मेसो क्षेत्र) में बने कल्याण विभाग के पांच नये मेसो अस्पताल का संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है. इधर, बन कर बेकार पड़े इन अस्पतालों का भवन जर्जर हो रहा है. इन अस्पतालों की निर्माण लागत प्रति अस्पताल करीब 1.3 करोड़ रुपये है, जो केंद्र सरकार ने संविधान की धारा 275(1) के तहत उपलब्ध कराया है.
ग्रामीण इलाके में खास कर जनजातीय समुदाय को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानेवाले ये अस्पताल 50-50 बेड के हैं. इनमें डिलिवरी सहित फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) की सुविधा देनी है. गौरतलब है कि कल्याण विभाग ने राज्य भर में कुल 14 मेसो अस्पताल बनाने का निर्णय वर्ष 2003 में लिया था. पर इनमें से पांच अस्पतालों का संचालन 12 वर्ष बाद भी शुरू नहीं हो सका है. इससे पहले कुल 14 में से नौ अस्पतालों का संचालन विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं व अस्पतालों के माध्यम से फरवरी 2009 से हो रहा है.
नागफेनी अस्पताल का उदघाटन भी हुआ
गुमला जिले के सिसई प्रखंड के नागफेनी में बना मेसो अस्पताल का उद्घाटन पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने 24 अगस्त 2008 को किया था. इधर सात वर्ष बाद भी यह अस्पताल शुरू नहीं हुआ है.
बेकार अस्पताल
स्थान जिला
बाड़ाचिरू प सिंहभूम
मनन चेताग लातेहार
बानो सिमडेगा
लोटाडीह प सिंहभूम
नागफेनी गुमला
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