रांची: सिविल कोर्ट स्थित मध्यस्थता सेंटर में सोमवार से पारिवारिक विवाद के निबटारे के लिए मध्यस्थता के विशेष अभियान की शुरुआत हुई. यह छह अक्तूबर तक चलेगा. अभियान की शुरुआत प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार, फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज सीपी अस्थाना, एजेसी योगेश्वर मणि, एजेसी बीके गौतम, एडिशनल जज फैमिली कोर्ट प्रेमलता त्रिपाठी ने की. […]
रांची: सिविल कोर्ट स्थित मध्यस्थता सेंटर में सोमवार से पारिवारिक विवाद के निबटारे के लिए मध्यस्थता के विशेष अभियान की शुरुआत हुई. यह छह अक्तूबर तक चलेगा. अभियान की शुरुआत प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार, फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज सीपी अस्थाना, एजेसी योगेश्वर मणि, एजेसी बीके गौतम, एडिशनल जज फैमिली कोर्ट प्रेमलता त्रिपाठी ने की.
यह अभियान झारखंड उच्च न्यायालय फैमिली कोर्ट कमेटी अौर झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के निर्देश पर शुरू किया गया है. इस अवसर पर प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार ने जानकारी दी कि इस अभियान के लिए उच्च न्यायालय से दो बार निर्देश मिला था, जिसके बाद अभियान शुरू किया गया है. इसकी सफलता के लिए बाहर से भी मध्यस्थ रांची पहुंचे हैं. चार दिनों तक इसके जरिये पारिवारिक विवाद के मामलों को विशेष रूप से सुलझाया जायेगा.
फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त सीपी अस्थाना ने कहा कि संवादहीनता ही पारिवारिक विवाद का मुख्य कारण है. इस मध्यस्थता कार्यक्रम के जरिये लोगों को संवाद की प्रक्रिया से जोड़ा जायेगा. इससे परिवार उजड़ने से बचेंगे.
मौके पर डालसा के सेक्रेटरी इंचार्ज एनके विश्वकर्मा ने बताया कि मध्यस्थता के जरिये पारिवारिक विवाद के मामलों को निबटाने में बड़ी सफलता मिली है. इसी वजह से इस बार पारिवारिक मामलों को तरजीह दी जा रही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल 160 मामले इस अभियान के जरिये निबटाये जायेंगे. पहले दिन लगभग 52 मामलों को निष्पादन के लिए रखा गया था. दस मामले को सफलता पूर्वक मध्यस्थता के जरिये निबटाया गया. 22 मामलों को अगली तिथि दी गयी है. उन्होंने बताया कि यह खुशी की बात है कि रांची मध्यस्थता केंद्र की सफलता दर 71 प्रतिशत है. कार्यक्रम में सीजेएम स्वयंभू, रजिस्ट्रार लक्ष्मीकांत, जिला बार एसोसिएशन के सचिव रोहित रंजन प्रसाद सहित मध्यस्थ, पारा लीगल वालंटियर मौजूद थे.