रांची: 11 फरवरी से आठ से अधिक यूनियनें बत्ती बंद हड़ताल पर अडिग हैं. झारखंड विद्युत बोर्ड अभियंता पदाधिकारी समन्वय समिति के तहत आठ यूनियन एकजुट होकर हड़ताल को सफल बनाने में लगे हुए हैं.
समिति के संयोजक प्रशांत चतुर्वेदी उत्तरी व दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के दौरा के बाद संताल-परगना दौरे पर हैं. उन्होंने कहा कि पांच फरवरी को वह देवघर में कर्मचारियों के साथ बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि बोर्ड के कर्मचारी समिति के हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं. यदि बत्ती बंद होती है, तो इसका जवाबदेह बोर्ड के अध्यक्ष होंगे. यूनियन द्वारा नोटिस दिये जाने के बावजूद वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया, बल्कि 27 जनवरी को मंत्री के साथ फरजी यूनियनों को लाया गया.
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि बिजली बोर्ड का बंटवारा कर्मचारियों की सहमति के बिना किया गया है. आनन-फानन में बंटवारा कर दिया गया है. जिसका परिणाम है कि अभी तक कंपनियां काम शुरू नहीं कर पा रही है. दूसरी ओर रांची व जमशेदपुर में फ्रैंचाइजी देकर निजी कंपनियों को करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया है. जिसका नुकसान बाद में जनता को भुगतना होगा.