रांची/श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर के उड़ी शहर में रविवार की सुबह साढ़े पांच बजे भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने 12 ब्रिगेड मुख्यालय के समीप सेना के आधार शिविर (आर्मी बेस)पर तब हमला कर दिया, जब सेना के जवान सो रहे थे.इस हमले में 17 जवान शहीद हो गए.इन शहीदों में दो झारखंड के हैं और दोनों ही अतिनक्सल प्रभावित इलाके से आते हैं. पहले शहीद का नाम सिपाही जावरा मुंडा है जो खूंटी के हैं जबकि दूसरे शहीद का नाम सिपाही नायमन कुजूर जिनका संबंध गुमला से है. आज शाम शहीदों का पार्थिव शरीर रांची लाया गया जहां राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने श्रद्धांजलि दी .
नायमन कुजूर गुमला के चैनपुर थाना क्षेत्र के कुरूमगढ़ के रहने वाले थे. कुरूमगढ़ को एक नक्सल प्रभावित इलाके के रुप में जाना जाता है. यहां नक्सलियों ने 2000 में एक पुलिस बटालियन पर हमला किया था जिसमें 9 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. .शहीद जावरा मुंडा खूंटी के मुरहू थानाक्षेत्र के मेराल गांव के थे. उनकी मौत की खबर के बाद गांव में मातम पसर गया है.सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि शहीद जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी.दास ने कहा कि उरी में शहीद हुए झारखंड के दोनों वीर जवानों के परिजनों के से मेरी गहरी संवेदना है. इस वेदना की घड़ी में सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि दोनों शहीदों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. दोनों को अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. इस दौरान सरकार की ओर से मंत्री रहेंगे.
आपको बता दें कि रविवार को उरी में हुए आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गये व 20 घायल हुए हैं.