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राजनीतिक सरोकार से उदासीनता खुदगर्जी है
रांची : कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने है कहा कि ईश्वर के राज्य का अर्थ है, सत्य व न्याय का समर्थन करना, प्रेम व बंधुत्व का समर्थन करना तथा दबे-कुचलों व परित्यक्त लोगों को उनका हक दिलाना है़ प्रजातांत्रिक प्रणाली में सामाजिक-राजनीतिक सरोकार के प्रति जानबूझ कर उदासीन रहने अथवा अपने आप को अलग रखने […]
रांची : कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने है कहा कि ईश्वर के राज्य का अर्थ है, सत्य व न्याय का समर्थन करना, प्रेम व बंधुत्व का समर्थन करना तथा दबे-कुचलों व परित्यक्त लोगों को उनका हक दिलाना है़ प्रजातांत्रिक प्रणाली में सामाजिक-राजनीतिक सरोकार के प्रति जानबूझ कर उदासीन रहने अथवा अपने आप को अलग रखने का सीधा अर्थ स्वार्थ और खुदगर्जी है़ यही कारण है कि झारखंड अलग राज्य बनने के बाद भी स्थानीय निवासियों, विशेषकर सर्वहारा वर्ग के लोगों की स्थिति बद से बदतर होती चली गयी़ वे रविवार को संत मरिया महागिरजाघर में आये डोरंडा पल्ली तीर्थयात्रियों के लिए आयोजित समारोही मिस्सा में संदेश दे रहे थे़
उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस ने आह्वान किया है कि हम पाप स्वीकार और परम प्रसाद संस्कारों को योग्य रीति से ग्रहण कर करुणा के द्वार से गुजरते हुए व्यक्तिगत व सामूहिक मनफिराव का अनुभव करे़ं दूसरों के लिए करुणा की धारा बन जाये़ं पाेप फ्रांसिस ने प्रभु यीशु की असीम करुणा के उदाहरण स्वरूप कोलकाता की धन्य टेरेसा को संत घोषित कर उन्हें विश्व के समक्ष रख दिया है़ मिस्सा समारोह में डोरंडा के पल्ली पुरोहित फादर क्रिस्टोफर लकड़ा, फादर एग्नेल, फादर शिशिर, कैथोलिक सभा के तेलेस्फोर एक्का, महिला संघ की ग्लोरिया एक्का, युवा संघ के सौरव तिर्की और काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे़
सही नेतृत्वकर्ता दूसरों को कुछ देता है : फादर अशोक
फादर अशोक कुजूर ने कहा कि नेतृत्व का सही अर्थ देना है़ यह अपना समय, अपनी ऊर्जा या अपनी क्षमता दूसरों को देने से जुड़ा विषय है़ जब हम दूसरों को कुछ देते हैं, तो उससे ज्यादा हमें वापस मिलता है़ अच्छा नेतृत्वकर्ता वह नहीं, जिसके पीछे चलने वाले बहुत सारे लोग हों. फादर अशोक संत अन्ना धर्मसमाज के पांच इंटर कॉलेज कैबिनेट के चार दिवसीय नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन दिवस पर बोल रहे थे़ इसका आयोजन डॉन बाॅस्केो यूथ एंड एजुकेशनल सर्विसेजश बरियातू में किया गया था. फादर अशोक ने बताया कि अच्छे लीडर में क्या गुण होने चाहिए, वे किस तरह प्रभावी ढंग से कार्य करें और किस तरह अपनी जिम्मेवारियां सही तरीके से निभाये़ं इस चार दिवसीय कार्यक्रम को सिस्टर शशिलता लकड़ा, सिस्टर निर्मला ज्योति कच्छप, सिस्टर लिलि ग्रेस टोपनो, महाधर्मप्रांतीय युवा संघ के अध्यक्ष कुलदीप तिर्की, प्रीति बाड़ा, फादर प्रदीप, फादर भूषण व अन्य ने भी संबोधित किया़
प्रभु से आशीष पाने के लिए धीरज जरूरी : पास्टर
पास्टर सिपचन तिर्की ने कहा कि प्रभु से आशीष पाने के लिए धीरज रखना जरूरी है़ प्रार्थनामय जीवन बितायें और परमेश्वर के वचनों पर चले़ं वे रविवार को ‘यीशु तरसमय है’ वचन की सेवकाई द्वारा एचपीडीसी बहूबाजार में प्रार्थना समारोह में संदेश दे रहे थे़
उन्होंने बाइबल से उदाहरण देते हुए कहा कि अयूब बीमार था और उसकी धन-संपत्ति, मित्र, नाते-रिश्तेदारों ने उसका साथ छोड़ दिया था, पर वह धीरज से प्रार्थना करता रहा़ तब परमेश्वर ने उसे स्वस्थ किया और उसे वह सब कुछ वापस मिल गया, जो उससे अलग हो गया था़ इस अवसर परभाई निर्दोष भेंगरा, नेहेम्याह बारला, सलोमी टूटी, सुशील तिर्की समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे़
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