इसे किसी भी हाल में बरदाश्त नहीं किया जायेगा. वर्तमान स्थानीय नीति से न तो आदिवासियों को नौकरी मिलेगी और न ही इनका शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन हो पायेगा.
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रांची में सीएनटी-एसपीटी में संशोधन के खिलाफ जुटे आदिवासी संगठन, फैसले रद्द नहीं हुए, तो नाकेबंदी
रांची:स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में आदिवासी महारैली का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न जिलों से आये आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधि जुटे. इसमें वर्तमान सरकार की ओर से घोषित स्थानीय नीति को रद्द करने, सीएनटी-एसपीटी एक्ट के संशोधन को वापस लेने और शिड्यूल एरिया में पंचायती राज व्यवस्था, […]
रांची:स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में आदिवासी महारैली का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न जिलों से आये आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधि जुटे. इसमें वर्तमान सरकार की ओर से घोषित स्थानीय नीति को रद्द करने, सीएनटी-एसपीटी एक्ट के संशोधन को वापस लेने और शिड्यूल एरिया में पंचायती राज व्यवस्था, नगर परिषद, नगर पालिका व नगर निगम को भंग करने की मांग की गयी. वक्ताओं ने कहा कि अगर सरकार ने इस पर जल्द निर्णय नहीं लिया, तो नाकेबंदी की जायेगी. साथ ही आदिवासी बुद्धिजीवी मंच का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिल कर ज्ञापन सौंपेगा.
महारैली की अध्यक्षता करते हुए आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष प्रेमचंद मुर्मू ने कहा कि सरकार की ओर से घोषित स्थानीय नीति आदिवासी व मूलवासियों के अस्तित्व के लिए खतरा है.
इसे किसी भी हाल में बरदाश्त नहीं किया जायेगा. वर्तमान स्थानीय नीति से न तो आदिवासियों को नौकरी मिलेगी और न ही इनका शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन हो पायेगा.
महारैली को लेकर किया पैदल मार्च, शहर जाम : आदिवासी महारैली में हिस्सा लेने आये विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने पैदल मार्च किया. इस वजह से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गयी. रातू रोड, मेन रोड समेत कई इलाकों में घंटों जाम लगा रहा. महारैली को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पहले से तैयारी नहीं की गयी थी. अचानक हजारों लोगों के सड़क पर आ जाने से पूरी व्यवस्था चरमरा गयी. रैली में हिस्सा लेने आये खूंटी, तोरपा व अन्य इलाकों से आये कई संगठनों के प्रतिनिधि बिरसा चौक से पैदल मार्च करते हुए मोरहाबादी मैदान पहुंचे. दूसरी तरफ गुमला, सिमडेगा आदि इलाकों से आये विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि रातू रोड होते हुए मोरहाबादी मैदान पहुंचे. इस कारण पंडरा, रातू रोड भी पूरी तरह से जाम हो गया.
वर्षों से हक की लड़ाई लड़ रहे हैं आदिवासी
रैली को संबोधित करते हुए विशु मुंडा ने कहा कि झारखंड दूसरे राज्यों के लिए खुला है, लेकिन झारखंड के लोगों के लिए दूसरे राज्य में जगह नहीं है. यहां बाहर से आकर लोग शासन कर रहे हैं. वी माल्टो ने कहा कि आदिवासी समाज वर्षों से अपने हक के लिए लड़ रहा है. आज उससे जमीन छीनी जा रही हैं. एलडीफोस कुजूर ने कहा कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास की बात कर रही है, लेकिन यह आदिवासी समुदाय पर लागू नहीं होता है. मंच संचालन कुलदीप कुजूर व विनोद भगत ने किया. वहीं धन्यवाद ज्ञापन अशोक विरुवा ने किया.
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