Advertisement
ट्रेन दुर्घटना में हुई थी मौत, हरमू मुक्तिधाम में हुई अंत्येष्टि नम आंखों से विवेक को दी अंतिम विदाई
राज्य के युवा और होनहार एथलीट विवेक कुमार का गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया. हरमू मुक्तिधाम में उनके अंतिम संस्कार में परिजनों, मोहल्लेवासियों, मित्रों के अलावा विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे. पिता द्वारिका बैठा ने बेटे के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार के समय वहां मौजूद लोगों की […]
राज्य के युवा और होनहार एथलीट विवेक कुमार का गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया. हरमू मुक्तिधाम में उनके अंतिम संस्कार में परिजनों, मोहल्लेवासियों, मित्रों के अलावा विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे. पिता द्वारिका बैठा ने बेटे के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार के समय वहां मौजूद लोगों की आंखें नम थीं.
रांची: मोरहाबादी स्थित घर पर बड़ी संख्या में लोगों ने आकर विवेक को श्रद्धांजलि दी. विवेक की मां के आंसू नहीं रुक रहे थे. मोहल्ले की महिलाएं उन्हें संभाल में जुटी थीं. वहीं पिता व भाई किसी तरह खुद को संभाले हुए थे. दादा पोतन बैठा चुपचाप बैठे थे. इसके बाद सुबह करीब 10.30 बजे विवेक की अंतिम यात्रा शुरू हुई. 11.30 बजे शव यात्रा हरमू मुक्तिधाम पहुंची. वहां अंतिम संस्कार किया गया. पिता द्वारिका बैठा ने मुखाग्नि दी. मुक्तिधाम में झारखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन, छोटानागपुर एथलेटिक्स एसोसिएशन, रांची एथलेटिक्स एसोसिएशन, हॉकी संघ, वॉलीबॉल संघ समेत अन्य संघों के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे.
जूनियर टीम चैंपियनशिप की ट्रॉफी विवेक के नाम : उधर, झारखंड एथलेटिक्स संघ (जेएए) के सदस्यों ने सेरसा स्टेडियम के पास दो मिनट का मौन रख कर दिवंगत एथलीट विवेक कुमार को श्रद्धांजलि दी. शोकसभा में संघ के अध्यक्ष मधुकांत पाठक ने बताया कि झारखंड के खेल निदेशक ने मृतक के परिवार को खिलाड़ी कल्याण कोष से हरसंभव मदद देने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने बताया कि राज्य एथलेटिक्स के जूनियर ग्रुप अंडर-16 वर्ग की टीम चैंपियनशिप की ट्रॉफी विवेक के नाम पर दी जायेगी. इसके अलावा जेएए पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये देगा. शोकसभा में आरके सिंह, अमर, अशोक कुमार, संजय त्रिपाठी, सीडी सिंह, प्रभाकर वर्मा, बिपिन, दशरथ महतो, रामप्रसाद, लक्ष्मण राम, सी बाबूदेव, समेत कई लोग मौजूद थे. उधर, रांची जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन ने मुनचुन राय की अध्यक्षता में एचइसी स्टेडियम में विवेक की आत्मा शांति के लिए शोकसभा की.
विभिन्न खेल संघों ने दी श्रद्धांजलि : झारखंड वॉलीबॉल संघ के सचिव शेखर बोस की अध्यक्षता में हुई बैठक में विवेक को श्रद्धांजलि दी गयी. शेखर बोस ने विवेक कुमार की असामयिक मौत को झारखंड के खेल के लिए अपूरणीय क्षति बताया. बैठक में संघ के सचिव शेखर बोस, कार्यकारी अध्यक्ष सुनील सहाय, किरण थॉमकिंसन, राजेश कुमार सिंह, सेतांक सेन, निशिकांत पाठक, संजय कुमार, अनंत कुमार चौधरी, विश्वजीत नंदी, संजय ठाकुर, सुनिर्मल बोस, राजेश गुप्ता, उपस्थित थे. उधर, गुलमोहर वॉलीबॉल अकादमी, मैकलुस्कीगंज में चेयरमैन सुनील सहाय की अध्यक्षता में शोकसभा हुई.
हॉकी खिलाड़ियों ने मौन रख कर किया शोक व्यक्त : रांची. एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में शोकसभा की गयी. इसमें एसएस बालिका हॉकी सेंटर सिमडेगा, एसएस प्लस 2 फुटबॉल सेंटर सिमडेगा, संत मेरी हॉकी सेंटर सिमडेगा व लिटल क्लब सिमडेगा के खिलाड़ी तथा मनोज कोनबेगी, प्रतिमा बरवा और बीना केरकेट्टा उपस्थित थे.
‘ओ भाई ‘ कह कर दोस्तों को बुलाता था विवेक
विवेक कुमार का परिवार हरिहर सिंह के खूदी राम बोस चौक के समीप रहता है. गुरुवार को पूरे मोहल्ला गमगीन था़ विवेक के स्कूल (आर्मी स्कूल) के दोस्त मोहित, रजनीश, सांतनु, अंशिल, अनुराग, सौरभ, राहुल भी पहुंचे थे़ दोस्तों ने कहा कि हमें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि विवेक इस दुनिया में नहीं है़ वह जिंदादिल इंसान था, रोते को हंसा देता था़ क्लास में आते ही चिल्ला कर कहता था ‘ओ भाई कैसे हो तुम लोग…’ ओ भाई के नाम से स्कूल में उसकी पहचान बन गयी थी़ विवेक अपने दोस्तों को झिंगुर, मामू, चड्डा, वक्कु, रोमियो आदि नाम से बुलाता था़ उसने सभी दोस्तों का अलग-अलग नाम रखा था़ उसकी कभी किसी ने लड़ाई नहीं हुई थी. दोस्तों ने कहा कि हमें उसके निधन के बारे में पता नहीं था. स्कूल पहुंचने पर जानकारी मिली. स्कूूल में उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गयी.
रोने लगे कई दोस्त : विवेक के बारे में बताते-बताते उसके दोस्त रोने लगे. उन्होंने बताया कि विवेक लंबा होने के कारण वाॅलीबाल खेलता था़ हमेशा बोलता था कि दोस्त स्पोर्ट्स में मुझे नाम कमाना है. पढ़ाई तो बाद में भी कर लेंगे़ उसके दोस्तों ने कहा कि हमें संदेह है कि विवेक को किसी ने धक्का दे दिया, जिससे उसकी मौत हुई है़ पोल पटरी से काफी दूर होता है, तो थूकने के लिए सिर निकालने पर कोई पोल से नहीं टकरा सकता. विवेक ने सभी दोस्तों से कहा था कि जीत कर आयेंगे तो पार्टी देंगे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि वह लौटेगा ही नहीं.
परीक्षा में मन नहीं लग रहा था : उसके सभी दोस्त जो 10वीं कक्षा में हैं, उनकी गुरुवार को साइंस की परीक्षा थी. विवेक नौवीं में था, गुरुवार को उसकी कक्षा के छात्रों की हिंदी की परीक्षा थी. स्पोर्ट्स के लिए विवेक ने एक साल परीक्षा छोड़ दी थी, जिस कारण वह नौवीं में रह गया था़ सभी छात्रों ने कहा कि परीक्षा देने में मन नहीं लग रहा था.
स्पोर्ट्स कैप्टन है विवेक का छोटा भाई : विवेक का छोटा भाई विशाल आर्मी स्कूल में स्पोर्ट्स कैप्टन है़ विवेक का सबसे छोटा भाई करण मोरहाबादी के एक स्कूल में पढ़ता है़
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement