युवकों ने बताया कि 2011-12 में 400 से अधिक युवकों को फरजी नक्सली बना कर सरेंडर कराया गया था. सरेंडर करने के बदले उन्हें नौकरी देने की बात कही गयी थी. 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक वसूला गया था. दो साल का प्रशिक्षण भी दिलाया गया. बाद में पता चला कि पूरा मामला फरजी है. इस मामले की सुनवाई नहीं हुई. रांची के एसएसपी ने कहा आयोग से समय लेकर वे लोग बात कर लें. लिस्ट में नहीं होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकती है.
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फरजी नक्सली सरेंडर कांड के पीड़ित भी आये, नहीं हुई सुनवाई
रांची: फरजी नक्सली बना कर सरेंडर करने के मामले (दिग्दर्शन कांड) के पीड़ित करीब 50 युवक भी न्याय की गुहार लगाने के लिए ज्यूडिशियल एकेडमी पहुंचे थे. वहां पहुंच कर युवकों को पता चला कि उनके मामले की लिस्टिंग नहीं की गयी है. युवकों ने बताया कि 2011-12 में 400 से अधिक युवकों को फरजी […]
रांची: फरजी नक्सली बना कर सरेंडर करने के मामले (दिग्दर्शन कांड) के पीड़ित करीब 50 युवक भी न्याय की गुहार लगाने के लिए ज्यूडिशियल एकेडमी पहुंचे थे. वहां पहुंच कर युवकों को पता चला कि उनके मामले की लिस्टिंग नहीं की गयी है.
युवकों ने बताया कि 2011-12 में 400 से अधिक युवकों को फरजी नक्सली बना कर सरेंडर कराया गया था. सरेंडर करने के बदले उन्हें नौकरी देने की बात कही गयी थी. 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक वसूला गया था. दो साल का प्रशिक्षण भी दिलाया गया. बाद में पता चला कि पूरा मामला फरजी है. इस मामले की सुनवाई नहीं हुई. रांची के एसएसपी ने कहा आयोग से समय लेकर वे लोग बात कर लें. लिस्ट में नहीं होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकती है.
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