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सरकार ने हल नहीं निकाला, तो करेंगे उग्र आंदोलन
रांची : विद्यानगर के आगे स्थित करीब 15 मोहल्लों में आदिवासी जमीन पर बसे लोगों को प्रशासन की ओर से घर खाली करने का नोटिस दिया जा रहा है. ऐसे में यहां के 25 हजार परिवारों के सामने आशियाने का संकट खड़ा हो गया है. इससे यहां के लोग उग्र हो गये हैं. लोगों का […]
रांची : विद्यानगर के आगे स्थित करीब 15 मोहल्लों में आदिवासी जमीन पर बसे लोगों को प्रशासन की ओर से घर खाली करने का नोटिस दिया जा रहा है. ऐसे में यहां के 25 हजार परिवारों के सामने आशियाने का संकट खड़ा हो गया है. इससे यहां के लोग उग्र हो गये हैं.
लोगों का कहना है कि राजधानी के 75 प्रतिशत लोग आदिवासी जमीन पर बसे हुए हैं. सरकार उनको और आदिवासियों को लड़ाने का प्रयास कर रही है. लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार शीघ्र इस मामले में कोई कदम नहीं उठाती, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.
म्यूटेशन की जमीन पर भी भेजा जा रहा नोटिस : इन मोहल्लों के लोगों ने कहा कि वर्ष 1962 से लेकर 1975 तक हमारे दादा-परदादा ने जो जमीन ली थी, उस पर भी नोटिस भेजा जा रहा है. आदिवासी जमीन वापस नहीं लेना चाहते, लेकिन उन्हें प्रशासन जबरन जमीन वापस दिलाने का प्रयास कर रही है.
यहां तक कि कंपनशेसन और म्यूटेशन की जमीनों भी खाली करने का नोटिस दिया जा रहा है. जब आदिवासी जमीन हस्तांतरित नहीं किया जाना था, तो सरकार ने एसएआर कोर्ट क्यों खाेला? आदिवासियों ने जमीन बेची तब भी तो हमने खरीदी. लाेगों ने आरोप लगाया कि विभिन्न मौजा के कर्मचारी अादिवासियों को जमीन वापस दिलाने के लिए उकसा रहे हैं. कुछ दलाल भी आदिवासी जमीन पर बने घर के बारें में कर्मचारी को बताते हैं.
इन मोहल्लों में दिया जा रहा नोटिस : विद्यानगर के आगे यमुना नगर के रोड नंबर एक से सात तक, मधुबन विहार, साईं विहार कॉलोनी, स्वर्ण जयंती नगर, बढ़ई मोहल्ला, मुड़ला पहाड़ के समीप बसे लोग, गंगा नगर, कृष्णा नगर, वृंदावन नगर, श्रीनगर, विश्वकर्मा नगर, न्यू मधुकम, चुना भट्ठा, महादेव नगर, स्वर्ण जयंती नगर.
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