27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

40 आदिवासी संगठनों ने किया राजभवन मार्च

प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को तीन सूत्री ज्ञापन सौंपा लगायी गुहार, आदिवासियों को समूल नष्ट होने से बचायें रांची : झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा के बैनर तले 40 आदिवासी संगठनों से जुड़े हजारों लोगों ने बुधवार को राजभवन मार्च किया. ये लाेग सीएनटी, एसपीटी एक्ट संशोधन अध्यादेश और स्थानीयता नीति का विरोध कर रहे थे. राजभवन […]

प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को तीन सूत्री ज्ञापन सौंपा
लगायी गुहार, आदिवासियों को समूल नष्ट होने से बचायें
रांची : झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा के बैनर तले 40 आदिवासी संगठनों से जुड़े हजारों लोगों ने बुधवार को राजभवन मार्च किया. ये लाेग सीएनटी, एसपीटी एक्ट संशोधन अध्यादेश और स्थानीयता नीति का विरोध कर रहे थे.
राजभवन मार्च मोरहाबादी से शुरू हुआ, जो अलबर्ट एक्का चौक होते हुए राजभवन पहुंचा. यहां बाबूलाल मरांडी, डॉ करमा उरांव, प्रकाश उरांव, प्रेमशाही मुंडा, शिवा कच्छप के नेतृत्व में 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल द्रौपदी मुरमू से मुलाकात की और आदिवासियों को समूल नष्ट होने से बचाने की गुहार लगायी. प्रतिनिधमंडल ने राज्यपाल को तीन सूत्री ज्ञापन भी सौंपा अौर आग्रह किया कि वे आदिवासियों और मूलवासियों की संवैधानिक संरक्षक होने के नाते उनके हितों की रक्षा करें.
मार्च में सांस्कृतिक पहचान का रखा ध्यान : राजभवन मार्च की शुरुआत मोरहाबादी स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई. मार्च में सांस्कृतिक पहचान रंपा-चंपा को भी शामिल किया गया. इसके बाद यह मार्च रेडियम रोड होते हुए अलबर्ट एक्का चौक पहुंची, जहां परमवीर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद यह राजभवन पहुंचा. मार्च में शामिल लोग नारे लगाकर राज्य सरकार से सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन अध्यादेश वापस लेने, आदिवासी जमीन की लूट बंद करने, जमाबंदी आदेश वापस लेने की मांग कर रहे थे.
जाम रहा मेन रोड : राजभवन मार्च के कारण बुधवार दोपहर एक बजे मेन रोड में जाम लग गया, जाे दो घंटे तक बरकरार रहा. इस जाम में कई स्कूल बसें और तीन से अधिक एंबुलेंस भी फंसी रहीं. बाद में रोड डायवर्ट किया गया. जाम की वजह से मेन रोड जाम में फंसे वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई. किसी प्रकार से एंबुलेंस को निकाला गया. काफी देर के बाद जब जुलूस कचहरी से आगे बढ़ गया तो जाम से कुछ हद तक निजात मिली.
जाम में फंसे कुछ लोगों ने कहा कि कार्यक्रम पूर्व घोषित था, इसलिए ट्रैफिक पुलिस को पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए थी़
सरकार की नीयत में खोट : बाबूलाल मरांडी
राजभवन के समक्ष सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट नहीं हाेती, तो संशोधनों से पूर्व लोगों से चर्चा करती. प्रधानमंत्री विदेशों में घूम कर कॉरपोरेट घरानों को जमीन देने की बात कर रहे हैं, वहीं लैंड बैंक में जमा करने के लिए यहां जमाबंदी रद्द की जा रही है. सरकार आदिवासियों व मूलवासियों से एक ओर जमीन, तो दूसरी और उनकी नौकरियां छीन रही है. यदि झारखंड को बचाना है, तो भाजपा को उखाड़ फेंकना होगा़
मुधमक्खी के छत्ते में हाथ डाला है सरकार ने : बारला
सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि सीएनटी व एसपीटी एक्ट हमारे पूर्वजों के खून से लिखा गया है. यह हमारा रक्षा कवच है. रघुवर सरकार ने मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डाला है.
गुजरात में दलितों ने भाजपा की नींद हराम की, यहां आदिवासी और मूलवासी इनकी नींद हराम करेंगे़ वहीं पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि स्थानीयता नीति, जमाबंदी रद्द करना और सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन आदिवासियों की मौत का फरमान है. झारखंड नोएडा या गुड़गांव नहीं है. यहां का इतिहास, परंपरा, संस्कृति बिल्कुल अलग है.
सभा में डॉ करमा उरांव ने घोषणा की है कि 22 अक्तूबर को मोरहाबादी में आक्रोश महारैली होगी, जिसमें लाखों आदिवासी शामिल होंगे. सभा को बिशु मुंडा, मुकेश बिरुआ, वासवी, डॉ प्रकाश चंद्र उरांव, प्रेमशाही मुंडा, सुशील उरांव, बेर्नादेत्त डुंगडुंग, मोती कच्छप, देवीदयाल मुंडा, अभय भुटकुंवर ने भी संबोधित किया. संचालन राजकुमार नागवंशी ने किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें