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समाज के सभी वर्ग सच्चाई से कोसों दूर हैं : सीपी सिंह
रांची: आज के जमाने में मीडिया ही नहीं, समाज के सभी वर्ग सच्चाई से कोसों दूर हैं. उक्त बातें मंत्री सीपी सिंह ने कही. श्री सिंह ने सोमवार को क्लीन मीडिया फाउंडेशन के वार्षिक जर्नल के विमोचन मौके पर उक्त बात कही. उन्होंने कहा कि आज के समय में कोई सही बात नहीं करता है […]
रांची: आज के जमाने में मीडिया ही नहीं, समाज के सभी वर्ग सच्चाई से कोसों दूर हैं. उक्त बातें मंत्री सीपी सिंह ने कही. श्री सिंह ने सोमवार को क्लीन मीडिया फाउंडेशन के वार्षिक जर्नल के विमोचन मौके पर उक्त बात कही. उन्होंने कहा कि आज के समय में कोई सही बात नहीं करता है और सही बात कोई सुनना भी नहीं चाहता है. अगर वो सही बात कहें, तो यहां की जनता उनसे नाराज हो जायेगी और उनकी सीट भी खतरे में पड़ सकती है. क्या करें, पापी वोट का सवाल है.
इस मौके पर राज्य के विकास में मीडिया की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी भी हुई. इस चर्चा के दौरान उन्होंने ने कहा कि मीडिया को अब उत्पाद माना जा रहा है. जैसा मालिक चाहता है, वैसा ही काम होता है. लेकिन मीडिया के साथ हर क्षेत्र में हर कोई अगर अपने दायित्व का पालन करे तो इसका फायदा मिलेगा, लेकिन लोग अपने दायित्व का निर्वहन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि आज की न्यायपालिका और मीडिया के बारे में कम से कम राजनीतिज्ञ तो सच बोल ही नहीं सकता है, अन्यथा उसका राजनीतिक करियर ही खत्म हो जायेगा.
सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर ने कहा कि वर्तमान में एक सच्चा पत्रकार घुट-घुट कर मरता है. क्योंकि उसकी कलम की ताकत ही छीन ली जाती है.वो खबर तो करके लाता है, लेकिन प्रबंधन उसे अपने हिसाब से अखबार में छपवाता है. इससे ऊपर उठने के लिए अखबारों को ट्रस्ट या आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना पड़ेगा.तभी पत्रकार अपनी खबरों को अच्छे तरीके से प्रस्तुत कर पायेगा. अच्छी खबर के लिए प्रबंधन को पैसे खर्च करने होंगे. सीसीएल के सीएमडी ने कहा कि मीडिया को ईमानदारी से सच्चाई की रिपोर्टिंग करनी चाहिए. फाउंडेशन के अध्यक्ष राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्रो सुधाकर दीक्षित ने कहा कि पत्रकार मेहनत कर रहे हैं, लेकिन व्यापारिक कारणों से पत्रकारों को अपनी कलम की ताकत का उपयोग पूरी स्वतंत्रता के साथ नहीं करने दिया जा रहा है. मौके पर कशिश न्यूज के संपादक प्रवीण बागी, खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ, राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव झा, सौरभ शुक्ला, आदित्य आर्या,सतीश, शुभम, नयन शौर्य, अलका शौर्य, क्लीन मीडिया फाउंडेशन के रितेश चंद्र श्रीवास्तव, नवीन श्रीवास्तव, निदेशक डॉ सुषमा दीक्षित आदि मौजूद थे.
तमाशबीन बनी रही जनता
वरिष्ठ पत्रकार बलबीर दत्त ने कहा कि पत्रकारों की जिम्मेवारी बढ़ी है. उन्होंने आपातकाल का उदाहरण दिया, जब तत्कालीन सरकार ने समाचार पत्रों का गला घोंटने के लिए 250 से अधिक ईमानदार व वरिष्ठ पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया और बीस से अधिक समाचार पत्रों के लाइसेंस रद्द कर दिये़ इस दौरान जनता तमाशबीन बनी रही.
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