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सीसीएल में नौकरी के नाम पर 10 लाख की ठगी
रांची : सीसीएल में नौकरी दिलाने के नाम पर 10 लाख की ठगी की गयी. ठगी के शिकार हुए उपेंद्र पांडेय ने सरकार से ठगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने इस मामले में वर्ष 2014 में प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी, लेकिन अब तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई […]
रांची : सीसीएल में नौकरी दिलाने के नाम पर 10 लाख की ठगी की गयी. ठगी के शिकार हुए उपेंद्र पांडेय ने सरकार से ठगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने इस मामले में वर्ष 2014 में प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी, लेकिन अब तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
ठगों के एक गिरोह के चक्कर में फंसने के बाद उपेंद्र पांडेय ने खलारी थाने में प्राथमिकी(61/14) दर्ज करायी थी. इसमें चतरा निवासी रघुवीर तिवारी को अभियुक्त बनाते हुए उन्होंने 10 लाख रुपये से अधिक की ठगी का आरोप लगाया गया था. मूल रूप से औरंगाबाद के रहनेवाले उपेंद्र पांडेय ने अपने दो बेटे (धर्मेंद्र पांडेय व राजेंद्र पांडेय) को नौकरी दिलाने के लिए रघुवीर तिवारी से संपर्क किया था.
इसके बाद रघुवीर तिवारी ने 20 रुपये के स्टांप पेपर पर उपेंद्र पांडेय के बेटों के नाम जमीन देने से संबंधित दस्तावेज तैयार किया. इसमें यह लिखा कि खाता नंबर 44 में 32.42 एकड़ जमीन की मालिक रघुवीर तिवारी की मां बिगो देवी थी. उनकी मौत के बाद रघुवीर तिवारी इसके मालिक हैं. धर्मेंद्र, उपेंद्र, विनय आदि रिश्ते में उसके भांजे हैं. इस जमीन में उनका हक होता है. इसलिए सीसीएल में नौकरी प्राप्त करने के उद्देश्य से उन्हें 10 एकड़ जमीन पर अधिकार दिया जा रहा है.
इसके बाद रघुवीर तिवारी ने फरवरी 2016 में इसी जमीन के अधिग्रहण के नाम पर सात लोगों को नौकरी दिलाने के लिए दस्तावेज तैयार किया. इसमें यह लिखा कि सीसीएल 1990 में खाता संख्या 44 के प्लॉट नंबर 85,103 व 357 की कुल 32.42 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर चुका है. सीसीएल में जमीन के बदले नौकरी योजना के तहत नौकरी के लिए वह अपने सात रिश्तेदारों को नामित करते हैं. नौकरी के लिए जिन लोगों को नामित किया गया है, उसमें विवेक मिश्र, संदीप मिश्र, गजेंद्र तिवारी, राजेंद्र पांडेय, रूपा पांडेय, राहुल कुमार और विक्रांत सिंह के नाम शामिल हैं. सभी रांची जिले के निवासी हैं.
ऐसे की जाती है ठगी : सीसीएल की विभिन्न कोलियरियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करनेवालों द्वारा सबसे पहले कोलियरी क्षेत्र में जमीन से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार किया जाता है. इसके बाद जिन लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं, उन्हें अपना रिश्तेदार बता कर पारिवारिक जमीन में दो एकड़ या उससे अधिक जमीन देने से संबंधित दस्तावेज तैयार किया जाता है.
दो एकड़ पर नौकरी देने का प्रावधान : कोल इंडिया की सभी कंपनियों में जमीन के बदले मुआवजा में नौकरी देने का प्रावधान है. दो एकड़ जमीन का अधिग्रहण होने पर एक नौकरी दी जाती है. इसकी जांच सीसीएल स्थानीय जिला प्रशासन से कराता है. जिला प्रशासन से सत्यापन होने के बाद ही नौकरी दी जाती है.
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