राजधानी रांची के लोगों को जल्द ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं िमलने वाली हैं. सरकारी स्तर पर इसके लिए प्रयास तेज हो गये हैं. पहली सुिवधा के रूप में रांची के सदर अस्पताल को नारायाणा हृदयालय अपनी सेवाएं देगा. दूसरी सुविधा के तहत रिम्स में ट्रामा सेंटर शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गयी है, जबकि तीसरी सुविधा रिम्स में ही डेंटल कॉलेज के रूप में तैयार हो रही है. इसके लिए चिकत्सको का चयन भी हो चुका है.
पॉजिटव खबर-1
सदर अस्पताल चलाने को नारायणा हृदयालय तैयार
रांची: नारायणा हृदयालय रांची के सदर अस्पताल का संचालन करेगा. इससे संबंधित सहमति पत्र स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के विद्यासागर को मिला है. पिछले दिनों बेंगलुरू में मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ हुई मुलाकात में इस पर सहमति बनी थी. पत्र में इसका जिक्र करते हुए नारायणा हृदयालय प्रबंधन ने सदर अस्पताल के संचालन में रुचि दिखायी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपर मुख्य सचिव ने नारायणा हृदयालय प्रबंधन को एक टीम भेजने का आग्रह किया है. साथ ही अस्पताल का हस्तांतरण के लिए सहमति पत्र बनाने और डीपीआर तैयार करने का भी आग्रह किया है. अपर मुख्य सचिव ने लिखा है कि सरकार जल्द से जल्द रांची सदर अस्पताल परिसर में बने भवन में नया अस्पताल चालू करना चाहती है. इधर, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने इन बातों से अनभिज्ञता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बात की है तो नारायणा को संचालन करना चाहिए. विभाग इसमें पूरा सहयोग करेगा.
पॉजिटिव खबर-2
ट्रामा सेंटर में रिम्स का सहयोग करेगा थाइलैंड
रांची: राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेिडकल साइंस (रिम्स) पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय अस्पताल से टाइअप करने जा रहा है. यहां तैयार ट्रामा सेंटर के लिए रिम्स प्रबंधन थाइलैंड के कॉनकेन यूनिवर्सिटी एंड हॉस्पिटल के साथ अनुबंध करेगा.
रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल 26 अगस्त को थाइलैंड में आयाेजित होनेवाले सम्मेलन में ट्रामा सेंटर की जानकारी देने जा रहे हैं. इस सेमिनार में बिहार, हिमांचल प्रदेश, हरियाणा, झारखंड एवं दिल्ली के मेडिकल कॉलेज को सेमिनार में भाग लेने के लिए बुलाया गया है. जानकारी के अनुसार अनुबंध होने के बाद थाइलैंड के कॉनकेन हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रिम्स आयेगी और यहां ट्रामा सेंटर एवं इमरजेंसी सेंटर के डॉक्टरों को प्रशिक्षण देगी. विशेषज्ञ ट्रामा में हो रहे नये खोज व अनुसंधानों के बारे में बतायेंगे.
डब्लूएचओ उपलब्ध करायेगा फंड : रिम्स के ट्रामा सेंटर एवं इमजरेंसी को वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (डब्लूएचओ) सहयोग करेगा. डब्लूएचओ इसके लिए फंड और थाइलैंड के विशेषज्ञ मुहैया करायेगा. जानकारों ने बताया कि इससे पहले एम्स के ट्रामा सेंटर का विदेश के कई मेडिकल कॉलेज के साथ टाइअप हो चुका है.
फैकल्टी के लिए विभाग को प्रस्ताव
रिम्स प्रबंधन ने तैयार हो रहे ट्रामा सेंटर एवं इमरजेंसी के लिए स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सकों एवं मैन पावर का प्रस्ताव भेजा है. इसमें चिकित्सक, एक्सपर्ट नर्स, टेक्निशियन, पारा मेडिकल स्टाफ शामिल हैं. अब तक ट्रामा सेंटर के लिए मैन पावर की नियुक्ति नहीं की गयी है. हालांकि, ट्रॉमा सेंटर लगभग तैयार है.
थाइलैंड के कॉनकेन हॉस्पिटल में ट्रामा पर सेमिनार हो रहा है. हम झारखंड को प्रस्तुत करेंगे. अगर सबकुछ सही रहा तो कॉनकेन से टाइअप होगा. इसके बाद वहां के ट्रामा एक्सपर्ट हमारे चिकित्सक को प्रशिक्षित करेंगे. इंटरनेशनल स्तर पर यह पहला टाइअप होगा.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक रिम्स
पॉजिटिव खबर-3
रिम्स में जल्द होगा दांतों की बीमारियों का इलाज
रांची: अगर सब कुछ ठीकठाक रहा तो तीन महीने बाद रिम्स के डेंटल कॉलेज एवं अस्पताल में दांतों की सभी बीमारियों का अत्याधुनिक तरीके से इलाज शुरू हो जायेगा. रिम्स प्रबंधन ने डेंटल कॉलेज एवं अस्पताल के लिए 16 डॉक्टरों का चयन कर लिया है.
रिम्स के निदेशक डॉ बीएल शेरवाल ने बताया िक साक्षात्कार में सफल चिकित्सकों की सूची जारी कर दी है. सभी डॉक्टरों से यथाशीघ्र योगदान देने का आग्रह किया गया है. इधर, कॉलेज को शुरू करने के लिए प्राचार्य की नियुक्ति कर ली गयी है. वह वर्तमान में भोपाल एम्स में सेवा दे रहे हैं. उम्मीद है कि वे शीघ्र रिम्स में योगदान दे देंगे.
डेंटल हॉस्पिटल में खुलेंगे नौ विभाग : डेंटल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में चिकित्सकों के चयन के बाद नौ विभाग को खोले जायेंगे. रिम्स प्रबंधन ने जुलाई 2015 में नौ विभागों के लिए विज्ञापन निकाला था. वर्तमान में हर विभाग में दो-दो चिकित्सक नियुक्ति किये गये हैं. वे अस्पताल में सेवा देने के साथ विद्यार्थियों को भी पढ़ायेंगे.
अगले साल शुरू होगा कॉलेज : रिम्स के डेंटल कॉलेज में अगले साल से दांतों के इलाज की पढ़ाई शुरू हो जायेगी. डेंटल कॉलेज में अस्पताल शुरू होने के बाद प्रबंधन डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया से निरीक्षण का आग्रह करेगी. डीआइसी स्थल निरीक्षण के बाद कोर्स शुरू करने की अनुमति देगी.
इन चिकित्सकों का हुआ चयन : डॉ जयप्रकाश, डाॅ विष्णुपति सिंह, डॉ सुरेंद्र कुमार, डॉ नरेंद्र नाथ सिंह, डॉ सोनल, डॉ सुमित मोहन, डॉ अजय कुमार साही, डॉ ओमप्रकाश, डॉ विवेक गुप्ता, डॉ संतोष कुमार वर्मा, डॉ सुभाष चंद्रा, डॉ अवनेंद्र कुमार झा, डॉ स्वाति शर्मा, डॉ प्रशांत गुप्ता, डॉ एसआर नायक एवं डॉ संदीप कुमार.
इन बीमारियों का होगा इलाज
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