इसी वजह से हत्याकांड का आरोपी सुशील श्रीवास्तव गिरोह के अज्ञात शूटरों को बनाया गया है. लाेअर बाजार पुलिस के अनुसार हत्याकांड के बाद संतोष के भाई और अन्य रिश्तेदारों को बुलाया गया था, लेकिन संतोष सिंह के भाई ने किसी पर हत्या की आशंका नहीं जताते हुए केस दर्ज करने से इनकार कर दिया. उसने कहा कि संतोष जैसा था, उसके साथ वैसा ही हुआ. हमें किसी प्रकार के विवाद में नहीं पड़ना है. अगर पुलिस कोई अज्ञात शव बरामद करती है, तब उसके साथ क्या करती है, हमें शव से भी कोई मतलब नहीं है. इसी वजह से पुलिस ने अपने बयान पर केस दर्ज किया. इसके बाद संतोष के भाई को किसी तरह समझा कर पोस्टमार्टम के बाद उसे शव सौंप दिया गया.
पुलिस के अनुसार अभी तक की जांच में जो बाते सामने आयी है, उसके अनुसार हत्याकांड के पीछे सुशील श्रीवास्तव गिरोह से पुराना विवाद हो सकता है. हत्याकांड में शामिल शूटर के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए तकनीकी शाखा से इस बात की जानकारी एकत्र की जा रही है कि घटना के समय प्लाजा चौक के अासपास किन संदिग्ध का मोबाइल नंबर काम कर रहा था. पुलिस को हत्याकांड के पीछे दो अन्य बातों की जानकारी मिली है.
पुलिस के अनुसार संतोष का विवाद जमीन को लेकर ओरमांझी और पिठोरिया में कुछ लोगों के साथ चल रहा था. इसके अलावा संतोष सिंह पतरातू में हत्याकांड के एक मामले में आरोपी था, जिसमें उसके खिलाफ इश्तेहार जारी था. हत्याकांड का बदला लेने के लिए तो कहीं संतोष को गोली नहीं मारी गयी अथवा जमीन विवाद से संतोष को किनारे हटाने के लिए तो गोली नहीं मारी गयी, इस बिंदु पर पुलिस गहराई से जांच कर रही है.