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एक ही दिन ध्वस्त हो गये थे गुमला में सात पुल

रांची : भारी बारिश की वजह से गुरुवार को पलामू, गढ़वा, चतरा व गुमला में आठ पुल धंसने की घटना हुई. इस घटना के पहले भी राज्य में कई पुल बारिश का पानी नहीं झेल पाये. नतीजा है कि अक्सर पुल धंसने की घटना हो रही है. स्थिति है कि वर्ष 2010 के बाद से […]

रांची : भारी बारिश की वजह से गुरुवार को पलामू, गढ़वा, चतरा व गुमला में आठ पुल धंसने की घटना हुई. इस घटना के पहले भी राज्य में कई पुल बारिश का पानी नहीं झेल पाये. नतीजा है कि अक्सर पुल धंसने की घटना हो रही है. स्थिति है कि वर्ष 2010 के बाद से अब तक झारखंड में करीब दो दर्जन से ज्यादा पुल-पुलिया धंसे हैं. ज्यादातर पुल गुमला में ही धंसे हैं. इसके अलावा सिमडेगा, लोहरदगा, गढ़वा, धनबाद आदि जिलों में भी पुल धंसने की घटना हुई है.

राज्य बनने से लेकर अब तक सबसे ज्यादा 2011 की बारिश में ही पुल धंसे हैं. 20 जून को अचानक आयी तेज बारिश में केवल गुमला में ही पांच पुल ध्वस्त हो गये थे और दो पुल क्षतिग्रस्त हो गये थे. बाला घाट, जोलो घाट, डुमरी शंख नदी, जैरागी शंख नदी व बिशुनपुर के लोंगा नदी में बना पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गया था. करीब 14.5 करोड़ रुपये के पुल धंसने की रिपोर्ट हुई थी. धनबाद के बराकर नदी में 35 करोड़ रुपये की लागत से ग्रामीण विकास विभाग का सबसे बड़ा पुल बन रहा था, उसका भी चार पिलर गिर गया था. वर्ष 2011 के 20 जून को गुमला जिले में पहली बारिश में पांच पुल ध्वस्त व दो पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. पुल बहने से 14 करोड़ 51 लाख 17600 रुपये पानी में बह गया.
वर्ष 2011 में सबसे ज्यादा पुल धंसने की हुई थी घटना
गुमला में बह गये थे कई पुल
वर्ष 2011 में 18, 19 व 20 जून को लगातार तीन दिनों तक गुमला जिले में मूसलाधार बारिश हुई थी. 20 जून की देर रात को बारिश में सात पुल- पुलिया ध्वस्त हो गये. जिससे 14.50 करोड़ रुपये सरकार के बरबाद हो गये थे, क्योंकि पुल निर्माण में 98 प्रतिशत राशि की निकासी कर ली गयी थी.
पुल बहने के कारण
पुल का निर्माण गुणवत्ता को ताक में रख कर किया गया था. अधिकतर पुल का पिलर पहले से ही तिरछा हो गया था. इसके बावजूद उसमें निर्माण किया गया. नदी के बीच में बनाया गया पिलर का काम मजबूत नहीं हुआ था. पिलर तिरछा होने की शिकायत भी हुई थी. इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ और जैसे ही नदी का जलस्तर बढ़ा, नदी के पानी की धारा में पुल बह गया.
17 इंजीनियरों पर केस हुआ था
पुल बहने पर 17 इंजीनियर व चार संवेदकों के खिलाफ गुमला थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पुलिस इंजीनियरों की धर-पकड़ के लिए अभियान चला ही रही थी कि इस कार्य में शामिल सभी इंजीनियरों ने हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर ले लिया था. आज भी मामले की जांच चल रही है. गुमला पुलिस जांच कर रही है.

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