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शीर्ष नेतृत्व उंगली उठाये, बरदाश्त नहीं : ताला

रांची : विवादों में घिरे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी केंद्रीय नेतृत्व को इस्तीफा सौंपने के बाद अब भी दिल्ली में ही जमे हुए हैं. वे अपना पक्ष केंद्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिल कर रखना चाहते हैं. हालांकि गुरुवार देर शाम तक उनकी मुलाकात अमित शाह से नहीं हो पायी थी. प्रदेश कमेटी […]

रांची : विवादों में घिरे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी केंद्रीय नेतृत्व को इस्तीफा सौंपने के बाद अब भी दिल्ली में ही जमे हुए हैं. वे अपना पक्ष केंद्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिल कर रखना चाहते हैं. हालांकि गुरुवार देर शाम तक उनकी मुलाकात अमित शाह से नहीं हो पायी थी.
प्रदेश कमेटी के विवाद के बाद पहली बार ताला मरांडी ने प्रभात खबर के वरीय संवाददाता से दूरभाष पर बातचीत की. श्री मरांडी ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि हमारे चलते पार्टी की किरकिरी हो. राष्ट्रीय स्तर के शीर्ष नेता कहीं हमारी बात को लेकर उंगली उठायें या कटघरे में खड़ा करने का प्रयास करेंगे. यह ताला मरांडी बरदाश्त नहीं कर सकता है. प्रस्तुत है ताला मरांडी से बातचीत के प्रमुख अंश.
आपने क्यों इस्तीफा दिया, इसकी वजह क्या है?
इस्तीफा क्यों नहीं देंगे. अगर पार्टी की छवि पर किसी तरह असर पड़ता है, तो इस्तीफा जरूर देंगे. हमारे राष्ट्रीय स्तर के शीर्ष नेता कहीं हमारी बात को लेकर उंगली उठायें या कटघरा में खड़ा करने का प्रयास करेंगे. यह ताला मरांडी बरदाश्त नहीं कर सकता है.
आपने खुद इस्तीफा दिया या केंद्रीय नेतृत्व का दबाव था?
हमें यह लगा कि हमारे चलते पार्टी की किरकिरी हो रही है. हमारे चलते पार्टी की क्यों किरकिरी हो. जिस पार्टी ने हमें सम्मान दिया. इतने बड़े पद पर बैठाया. हमारे कारण किरकिरी हो रही है, तो मैं ऐसी परिस्थिति में कैसे पद पर बना रहता. इसलिए मैंने नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे दिया.
फिलहाल केंद्रीय नेतृत्व का क्या निर्देश है?
उस बिंदु पर मैं कुछ नहीं कह सकता. जब हमने इस्तीफा सौंप दिया है, इसके बाद क्या करता हूं. नहीं करता हूं. आप खुद समझ सकते हैं. हमारे लिये पार्टी बड़ी बात है. देश और अपने क्षेत्र के लोग हमारे लिए बड़े हैं. प्रदेश अध्यक्ष की कुरसी बड़ी नहीं है.
आप पर आरोप लग रहे हैं कि पैसा लेकर पद दिया?
ऐसी बात होती, तो हम भीख क्यों मांगते. जो खुलेआम पैसा लेता है, उसे झारखंड के सभी लोग जानते हैं कि कौन पैसा ले रहा है. कौन कितने में बिक रहा है. यह किसी से छिपा नहीं है. हम लोग हैं कि चुप रहते हैं. किसी से बोलते नहीं हैं. चुप रहने वाले लोगों पर ही गाज गिरती है.
आपको लगता नहीं है कमेटी बनाने में हड़बड़ी हुई?
जिन लोगों को कमेटी में जगह नहीं मिली, वही लोग सवाल उठा रहे हैं. बतायें कौन काम करने वाला है. कौन काम नहीं करने वाला है. काम करने का मौका मिले तब न. संगठन में काम करने वाले लोग चाहिए थे. पद को सुशोभित करने वाले नहीं. हमारी वजह से पार्टी में क्यों दरार पड़े, इसलिए हम ही चले जाते हैं.
क्या कमेटी बनाने को लेकर सीएम व प्रभारी से राय ली थी?
बिल्कुल. मेरे पास इसका सबूत है.
क्या आपकी मुलाकात अमित शाह से हुई?
देखिए, अभी उनका व्यस्त समय चल रहा है. आने वाले समय में कई राज्यों में चुनाव होने वाला है. ऐसे में अभी
हमें समय नहीं मिल पा रहा है. हो सकता है कल तक समय मिल
जाये.
आप दिल्ली से कब लौट रहे हैं?
अभी दिल्ली में हैं. दिल्ली आने का कम समय मिलता है. यहां पर अपने क्षेत्र के लोगों से मिल रहे हैं.
क्या वजह है कि आप मीडिया से कटे हुए थे?
इधर, व्यस्तता थी. लोगों से मिल-जुल रहा था. ऐसे में बात करना संभव नहीं हो पा रहा था.

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