जमीन पर कब्जा करने के उद्देश्य से पहले बुधु मुंडा उसे और उसके परिवार के सदस्यों पर डायन-बिसाही का आरोप लगाने लगा. इसके बाद जमीन पर कब्जा के लिए उसके पूरे परिवार की हत्या की योजना तैयार की. फिर उस पर और उसके परिवार के अन्य सदस्यों पर हमला किया गया. इधर, हत्याकांड और जानलेवा हमला को लेकर शनिवार को दशम फॉल थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. प्राथमिकी घायल हरि मुंडा के बयान पर बुधु मुंडा एवं तीन अन्य के खिलाफ दर्ज की गयी है.
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जमीन पर कब्जे के लिए पहले डायन का आरोप लगाया, फिर हत्या की
रांची/ बुंडू: दशम फॉल थाना क्षेत्र के हांजेद गांव के रोसेलटोली में गुरुवार की रात हुए तीन लोगों की हत्याकांड में पुलिस ने घायल सोमवारी देवी का शनिवार को बयान लिया. बंडू थाना प्रभारी संचमान तमांग ने बताया कि महिला का आरोप है कि गांव के बुधु मुंडा से उसके परिवार का जमीन को लेकर […]
रांची/ बुंडू: दशम फॉल थाना क्षेत्र के हांजेद गांव के रोसेलटोली में गुरुवार की रात हुए तीन लोगों की हत्याकांड में पुलिस ने घायल सोमवारी देवी का शनिवार को बयान लिया. बंडू थाना प्रभारी संचमान तमांग ने बताया कि महिला का आरोप है कि गांव के बुधु मुंडा से उसके परिवार का जमीन को लेकर विवाद चल रहा था.
जमीन हड़पने के लिए रची गयी साजिश
हरि मुंडा ने प्राथमिकी में बताया है कि बुधु मुंडा एवं तीन अन्य लोगों ने उसकी जमीन पर कब्जा करने के लिए पूरे घर के लोगों की हत्या करने का प्रयास किया, लेकिन वह और उसकी मां किसी प्रकार बच गये. हत्या का मुख्य कारण जमीन हड़पने के लिए साजिश के तहत मां को डायन बता कर पूरे परिवार के सदस्यों को जान से मारने का प्रयास किया गया.
अंतिम संस्कार के लिए परिवार का कोई सदस्य घर में मौजूद नहीं था, आग्रह पर सोमवारी को लाया गया
पोस्टमार्टम के बाद शनिवार की सुबह करीब आठ बजे कंचना मुंडा, मुंगिया कुमारी और डिंबा मुंडा का शव रोसेलटोली गांव पहुंचा. सोमवारी देवी और हरि मुंडा दोनों का इलाज रिम्स में चल रहा था. इस वजह से अंतिम संस्कार के लिए परिवार का कोई सदस्य घर में मौजूद नहीं था. शव काफी देर तक घर में ही पड़ा रहा. इस दौरान गांव के कुछ लोग सोमवारी के घर पहुंचे और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की. गांव वालों के अनुरोध पर पुलिस ने रिम्स के डॉक्टरों से संपर्क किया. बाद में सोमवारी देवी को रिम्स से रासेलटोली गांव लाया गया. अधिक घायल होने की वजह से हरि मुंडा को अस्पताल से गांव जाने की अनुमति नहीं मिली. वह भाई-बहन व चाचा के दफन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सका. सोमवारी के पहुंचने के बाद मुंडारी रीति-रिवाज के साथ शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाया गया. बच्चे और देवर के अंतिम संस्कार का रस्म सोमवारी ने पूरी की.
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