चेन्नई में मेरिन इंजीनियरिंग में एडमिशन व इंटर पास कराने के नाम पर तीन युवकों से ठगी
अब रुपये वापस मांगने पर युवक और उसके परिजनों को आरोपी दे रहा है फोन पर धमकी
रांची : संजय गांधी मेमोरियल कॉलेज के इंटर का फरजी सर्टिफिकेट देकर बिहार के तीन युवकों से ठगी की गयी है. ठगी का आरोप आशुतोष कुमार सिंह नामक एक युवक पर है. जिनसे ठगी की गयी है, उनमें सीवान के अमृत कुमार, यशवंत और यशवर्द्धन नामक युवक शामिल हैं. सर्टिफिकेट के लिए अमृत कुमार से 25 हजार, यशवंत से 56 हजार और यशवर्द्धन से 17 हजार रुपये लिये गये हैं.
अमृत कुमार सिंह से आशुतोष ने चेन्नई में इंडियन मेरीटाइम यूनिवर्सिटी में भी एडमिशन कराने के नाम पर 2,29,000 रुपये लिये, लेकिन दाखिला नहीं करवाया. जब अमृत ने अपने रुपये आशुतोष से वापस मांगे, तब वह फोन पर जान से मारने की धमकी देने लगा. जब अमृत के चाचा राजेश्वर ने आशुतोष को फोन किया, तब उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी गयी. आशुतोष कुमार पर एडमिशन के नाम पर धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने का आराेप लगाते हुए अमृत कुमार ने इसकी शिकायत एसएसपी कुलदीप द्विवेदी के पास की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
अमृत कुमार के चाचा राजेश्वर ने बताया कि मेरा भतीजा पटना में रह कर पढ़ाई करता था. उसका एक दोस्त यशवर्द्धन रांची के लालपुर स्थित एक लॉज में रह कर पढ़ाई कर रहा था. वह यशवर्द्धन के जरिये आशुतोष से मिला और इंटर में बढ़िया नंबर लाने के लिए उसे 25 हजार दिये.
आशुतोष ने पंडरा स्थित संजय गांधी मेमोरियल कॉलेज से वर्ष 2016 में इंटर पास होने का एक सर्टिफिकेट व्हाट्सएप के जरिये अमृत कुमार के पास भेजा. सर्टिफिकेट में अमृत कुमार को 390 अंक मिले थे, लेकिन बाद में आशुतोष ने जब अमृत कुमार को हाथ में इंटर की मार्कशीट दी, तब उसमें 387 नंबर थे. इसी तरह आशुतोष ने यशवंत को 370 अंक से इंटर पास होने की मार्कशीट दी है. आशुतोष ने यशवर्द्धन को भी 405 नंबर से इंटर पास होने का सर्टिफिकेट दिया.
अमृत के सर्टिफिकेट में अलग-अलग नंबर होने से परिजनों को आशंका हुई. तब परिजन मामले की जानकारी संजय गांधी मेमोरियल कॉलेज जाकर ली. अमृत कुमार के चाचा के अनुसार संजय गांधी मेमोरियल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि इंटर की मार्कशीट जाली है.
राजेश्वर प्रसाद के अनुसार वह मामले को लेकर पूर्व में चुटिया थाना जा चुके हैं, लेकिन तब चुटिया पुलिस ने थाने से यह कह कर भेज दिया कि यह मामला बिहार का है, इसलिए आप लोग बिहार जाइए. तब राजेश्वर प्रसाद अपने भतीजे को साथ लेकर एसएसपी के पास पहुंचे और मामले की शिकायत की. वह मामले की शिकायत 19 जून, 2016 को प्रधानमंत्री कार्यालय से भी कर चुके हैं, जिसमें इंटर का फर्जी सर्टिफिकेट देकर तीनों से धोखाधड़ी का आरोप है. इधर, मामले में आशुतोष ने खुद को जमशेदपुर का एक पत्रकार बताते हुए कहा कि उसने किसी ने कोई ठगी नहीं की है.