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आजसू: मनाया बलिदान दिवस, बोले सुदेश शिलान्यास व उदघाटन विकास के मापदंड नहीं
रांची: शिलान्यास और उदघाटन ही विकास के मापदंड नहीं हैं. अगर कहीं जनता की उम्मीद के हिसाब से विकास नहीं हो रहा है तो कार्यकर्ता इसका विरोध करें. ये बातें पूर्व उपमुख्यमंत्री और अाजसू नेता सुदेश महतो ने बुधवार को राजधानी के मैथन हाॅल में कहीं. वे राज्यस्तर पर आयोजित बलिदान दिवस के मुख्य कार्यक्रम […]
रांची: शिलान्यास और उदघाटन ही विकास के मापदंड नहीं हैं. अगर कहीं जनता की उम्मीद के हिसाब से विकास नहीं हो रहा है तो कार्यकर्ता इसका विरोध करें. ये बातें पूर्व उपमुख्यमंत्री और अाजसू नेता सुदेश महतो ने बुधवार को राजधानी के मैथन हाॅल में कहीं. वे राज्यस्तर पर आयोजित बलिदान दिवस के मुख्य कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
सुदेश महतो ने कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं से कहा कि हम अपने प्रदेश में पहचान की लड़ाई लड़ रहें हैं. हक की लड़ाई के लिए संगठन में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी. सत्ता और राजनीति की प्रतिस्पर्धा में आंदोलन के मूल विषय छूट रहे हैं. उन्होंने कार्यकर्ताअों से कहा कि वे विकास कार्य में जनभागीदारी सुनिश्चित करायें.
राज्य निर्माण के बाद बढ़ी है हमारी जिम्मेदारी
सुदेश महतो ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद पार्टी का दायित्व काफी बढ़ा है. इसका निर्वहन पूरे जिम्मेदारी और जवाबदेही से करना होगा. इसलिए कार्यकर्ता समय बरबाद न करें. गांव और गरीबों के बीच जाये़ं, कुछ मुद्दे ऐसे हैं जो राजनीतिक लाभ और हानि के बजाय सेवा और समर्पण हैं.
आंदोलन में भूमिका निभाने वालों को सम्मान
कार्यक्रम में पार्टी द्वारा झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले डॉ संजय बसु मल्लिक, डॉ देवशरण भगत, प्रभाकर तिर्की, राजेंद्र मेहता, हसन अंसारी, बिमल कच्छप को ‘झारखंड लिजेंड’ से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर विधायक विकास कुमार मुंडा ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के आंदोलन की आवाज को आजसू ने मुकाम तक पहुंचाया है. राज्य बनने के पूर्व जो मूल उद्देश्य थे, उसे पूरा करना भी हमारी जिम्मेवारी है.
सम्मान नहीं मिलना पीड़ादायक
आजसू के संस्थापक रहे डॉ संजय बसु मल्लिक ने कहा कि आजसू नहीं होता तो झारखंड अलग राज्य नहीं होता. आजसू के कार्यकर्ताओं ने जेल, लाठी, डंडा खाये. आंदोलन में कई लोग शहीद भी हुए. आजसू के लड़ाकू सिपाहियों ने शैक्षणिक प्रमाण पत्र जलाकर अलग राज्य के लिए बलिदान दिया. आज भी आंदोलनकारियों और शहीदों को सम्मान न देकर अपमान किया जाना पीड़ादायक है.
रखा दो मिनट का मौन
कार्यक्रम की शुरुआत में शहीद वेदी पर श्रद्धांजलि दी गयी और झारखंड के वीर शहीदो की याद मे दो मिनट का मौन रखा गया. कार्यक्रम में बीके चांद, हसन अंसारी, बायलट कच्छप, अनिल टाइगर, जिला परिषद अध्यक्ष सुकरा सिंह मुंडा, उपाध्यक्ष पार्वती देवी, प्रमुख अनिता गाड़ी, जिला परिषद सदस्य रेखा देवी, हेमलता उरांव, रामेश्वर पाहन, तारकेश्वर देवी, राजेंद्र शाही मुंडा, राम दुर्लभ सिंह मुंडा, सुनिल उरांव, गौतम कृष्ण साहू, बीणा देवी, रीना केरकेट्टा, फूल कुमारी देवी, बाल कृष्ण मुडा, बुद्धिजीवी मंच से डॉ जेएन सिंह, यूसी मेहता, मुनचुन राय, सीमा सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे़
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