रांची: राज्य के जल संसाधन, पेयजल व स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की उपलब्धियां गिनायी. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार जल संकट से निबटने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है. भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए नयी योजनाओं पर काम शुरू किया गया है. जल संकट […]
रांची: राज्य के जल संसाधन, पेयजल व स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की उपलब्धियां गिनायी. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार जल संकट से निबटने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है. भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए नयी योजनाओं पर काम शुरू किया गया है.
जल संकट से निबटने के लिए डैमों की सफाई की जा रही है और गहरा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से बारिश में आ रही गिरावट व डैमों की सफाई व गहराई पर ध्यान नहीं देने के कारण इस साल जल संकट ज्यादा गहरा गया है. अब सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है. राज्य के लोगों को पानी के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है. राजधानी रांची में हटिया जलाशय का विकल्प भी ढूंढा जा रहा है. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि बीसीसीएल और सीसीएल द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं देने की वजह से उनकी खदानों में मौजूद पानी के इस्तेमाल में कठिनाई हो रही है.
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह ने बताया कि इस वर्ष 794 चेकडैम योजना व 10 बीयर योजना का निर्माण किया जा रहा है. इस पर 541 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव एपी सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन का जिक्र करते हुए बताया कि पिछले साल 3.11 लाख व्यक्तिगत शौचालय, 23 सामुदायिक शौचालय और विद्यालयों में 142 शौचालय का निर्माण किया गया. दुलमी प्रखंड राज्य का पहला खुले में शौच से मुक्त प्रखंड बन गया है.
लंबित योजनाओं को समय से पूरा किया जा रहा है
जल संसाधन, पेयजल व स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि राज्य की बड़ी जलाशय परियोजनाएं जंगलों और खनिज पदार्थों की मौजूदगी की वजह से लंबित हो जाती हैं. स्थानीय स्तर पर भूमि अधिग्रहण के मामलों के अनसुलझे रहने की वजह से भी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में दिक्कत होती है.
उन्होंने कहा कि आम लोगों के लिए सरकार छोटी-छोटी योजनाओं पर ज्यादा ध्यान दे रही है. सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि व सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लंबित चालू योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है. तिलैया नहर विकास योजना, डोमनी नाला सिंचाई योजना, दाहरबाटी बीयर योजना, कांची बीयर योजना और मयूराक्षी जलाशय योजना को स्वीकृत किया गया है. दो बड़ी सिंचाई योजना बुढ़ई जलाशय व राढू जलाशय योजना की डीपीआर स्वीकृति पर विचार किया जा रहा है. गढ़वा एवं पलामू जिले में पाइप लाइन के जरिये सोन नदी से पेयजल व सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की शुरुआत की जा चुकी है.