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गढ़वा के प्रधान जज को गांव जाकर जांच करने का निर्देश
रांची : गढ़वा के प्रतापपुर गांव में फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से पिछले 10 सालों में हुई 36 लोगों की मौत को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. प्रभात खबर में प्रकाशित समाचार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की […]
रांची : गढ़वा के प्रतापपुर गांव में फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से पिछले 10 सालों में हुई 36 लोगों की मौत को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. प्रभात खबर में प्रकाशित समाचार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और पेयजल व स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव सहित अन्य को प्रतिवादी बनाया. साथ ही उन्हें नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने गढ़वा के जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश (पीडीजे) को गांव की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना सरकार का काम
खंडपीठ ने कहा : यह गंभीर मामला है. लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेवारी है. कोर्ट पहले भी पानी के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान ले चुका है. इस मामले की अनदेखी नहीं की जा सकती है. खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 22 जून की तिथि निर्धारित की.
वरीय अधिवक्ता ने ध्यान आकृष्ट कराया
इससे पहले वरीय अधिवक्ता पीसी त्रिपाठी ने प्रभात खबर में छपी खबर की ओर खंडपीठ का ध्यान आकृष्ट कराया. उन्होंने कहा कि गांव में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. लोगों की माैत हो रही है. इस अोर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है. उन्होंने खंडपीठ से इस मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया.
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