उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि राज्यसभा चुनाव में तीन उम्मीदवार मैदान में थे़ आशंका व्यक्त की जा रही थी कि सरकार का नेतृत्व कर रही पार्टी कुछ ना कुछ गुल खिलायेगी और अंतत: वही देखने को भी मिला़ राज्यसभा के निष्पक्ष और स्वच्छ चुनाव कराने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किये गये़ नतीजा हुआ कि फिर से झारखंड में पैसे के लेन-देन का खेल चला, सत्ता का दुरुपयोग करते हुए चंद विपक्षी विधायकों को वोट डालने से वंचित किया गया़.
श्री मरांडी ने पत्र में कहा है कि कोई भी दल राज्यसभा चुनाव से संतुष्ट नहीं है़ हॉर्स ट्रेडिंग और आयोग द्वारा निष्पक्ष चुनाव कराने मेें विफल होने की बात सामने आयी है़ श्री मरांडी ने अपने पत्र में कहा है कि चुनाव में एक उम्मीदवार को 28 वोट चाहिए थे़ ऐसी स्थिति में पक्ष और विपक्ष से एक-एक उम्मीदवार जीतने की स्थिति थी़ इन तमाम परिस्थितियों को जानते हुए सरकार में शामिल भाजपा के नेताओं ने अपने दो उम्मीदवार का नामांकन कराया़ तीन उम्मीदवार मैदान में आने के बाद से ही तरह-तरह की आशंका पैदा होने लगी़ श्री मरांडी ने आयोग से आग्रह किया है कि लोकतंत्र को तार-तार करनेवाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें दंडित किया जाये. भविष्य में ऐसे घटनाओं पर रोक लगे़ उन्होंने कहा कि न्यायिक जांच समय सीमा के अंदर हो़