रांची: राजधानी के कई लोग अपने महत्वपूर्ण अंग (हार्ट एवं लीवर) दान करना तो चाहते हैं, लेकिन यहां इसके लिए अपग्रेडड अस्पताल नहीं हैं. ऐसे में चाहते हुए भी लोग पुण्य कार्य से वंचित रह जाते हैं.
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चाह कर भी अंग दान नहीं कर पा रहे शहर के लोग
रांची: राजधानी के कई लोग अपने महत्वपूर्ण अंग (हार्ट एवं लीवर) दान करना तो चाहते हैं, लेकिन यहां इसके लिए अपग्रेडड अस्पताल नहीं हैं. ऐसे में चाहते हुए भी लोग पुण्य कार्य से वंचित रह जाते हैं. शहर के एक होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एन कुमार की वृद्ध बहन अपने महत्वपूर्ण अंग दान करना चाहती हैं. […]
शहर के एक होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एन कुमार की वृद्ध बहन अपने महत्वपूर्ण अंग दान करना चाहती हैं. वे पूरी तरह स्वस्थ हैं, लेकिन कोई व्यवस्था न होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रही है़ं
सिर्फ आंख दान करना आसान : राजधानी के कुछ आंख के अस्पतालों में आई बैंक की स्थापना की गयी है़ यहां इच्छुक व्यक्ति की आंखें उसके मरने के बाद दान की जा सकती हैं. इसके लिए उस व्यक्ति को अपने जीवित रहते हुए पंजीकरण कराना होता है. वहीं, किडनी दान करने के लिए व्यक्ति को कई कार्रवाई से गुजरना पड़ता है़ जिला प्रशासन से अनुमित के बाद ही किडनी दान की जा सकती है, लेकिन हार्ट एवं लीवर प्रत्यारोपण के लिए वैसी व्यवस्था नहीं है.
हमारे यहां ऐसा कोई अस्पताल नहीं है, जहां हार्ट या लीवर काे दान किया जा सके़ हमें स्पष्ट कहने में कोई संंकोच नहीं है कि अब भी हम इसके लिए सक्षम नहीं हो पाये है़ं नेत्र दान करना आसान है़ वहीं किडनी दान के लिए कुछ कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होती है़ .
डॉ एके चौधरी, सिविल सर्जन, रांची
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