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45 मिनट जमे रहे माओवादी, पुलिस को नहीं लगी भनक

रांची: माओवादियों ने दिनदहाड़े बड़ी संख्या में आकर मैक्लुस्कीगंज-चामा सड़क पर नौ वाहन फूंक डाले. नक्सली करीब 45 मिनट कर सड़क पर जमे रहे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. घटना को अंजाम देने के बाद जब नक्सली वापस लौट गये, तब पुलिस को घटना की जानकारी मिली. एक दिन पहले मैक्लुस्कीगंज पुलिस […]

रांची: माओवादियों ने दिनदहाड़े बड़ी संख्या में आकर मैक्लुस्कीगंज-चामा सड़क पर नौ वाहन फूंक डाले. नक्सली करीब 45 मिनट कर सड़क पर जमे रहे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. घटना को अंजाम देने के बाद जब नक्सली वापस लौट गये, तब पुलिस को घटना की जानकारी मिली. एक दिन पहले मैक्लुस्कीगंज पुलिस ने जेवीएम के नाकेबंदी से निपटने के लिए मॉक ड्रील भी किया था. पुलिस का दावा है कि इस सड़क पर पुलिस की गश्ती हमेशा रहती है. नाकेबंदी के मद्देनजर एसएसबी के जवानों को तैनात किया गया है, लेकिन 45 मिनट के दौरान कोई भी गश्ती पार्टी वहां से नहीं गुजरी.
वाकी-टाॅकी का इस्तेमाल कर रहे थे माओवादी : मैक्लुस्कीगंज में घटना के दौरान माओवादी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे. वे आपस में बात करने के लिए वाकी-टॉकी का इस्तेमाल कर रहे थे. घटना के दौरान वाकी टाॅकी से ही किसी से आदेश ले रहे थे. वहां से नक्सली पास में बन रही दूसरी सड़क पर भी गये. लेकिन वहां से वापस लौट गये.
पांच दिनों से माल्हन के जंगल में जमे थे माओवादी : माओवादियों का एक बड़ा दस्ता रवींद्र गंझू के नेतृत्व में करीब पांच दिनों से लातेहार जिला के चंदवा थाना क्षेत्र के माल्हन जंगल में कैंप किए हुए था. वहीं पर घटना को अंजाम देने की तैयारी की जा रही थी. हाल ही में निंद्रा बैलगढ़ा के निकट लातेहार पुलिस से इनकी झड़प भी हुई थी. माल्हन, मैक्लुस्कीगंज से सटा हुआ क्षेत्र है.
पूरी तैयारी के साथ आये थे माओवादी : मैक्लुसकीगंज में घटना को अंजाम देने के लिए माओवादी पूरी तैयारी से आये थे. घटना के समय सड़क निर्माण में लगे मजदूरों ने बताया कि माओवादी आधुनिक हथियारों से लैस थे. सभी की उम्र करीब 20 से 30 वर्ष के बीच थी. एक समय था, जब मैक्लुस्कीगंज में माओवादी दिन में भी मार्च करते थे, लेकिन थाना बनने के बाद पहली बार दिन में आकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया.
सात साल बाद दिया बड़ी घटना को अंजाम
करीब सात साल के बाद भाकपा माओवादियों ने इस क्षेत्र में किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया है. इससे पूर्व बघमरी के निकट दामोदर में अभिजीत ग्रुप के चंदवा पावर प्रोजेक्ट द्वारा बनाये जा रहे इंटक वेल निर्माण में लगी मशीनों को जला दिया था. तब नक्सलियों ने घटना को रात में अंजाम दिया था. वर्ष 2011 में पिपरवार थाना क्षेत्र के अशोका परियोजना क्षेत्र में माओवादियों ने मजदूरों की हत्या की थी. गत 26 जनवरी को क्षेत्र में काला झंडा व पोस्टर लगाये थे.

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