शोमा ने आयोग को बताया कि जून 2015 में वह राहुल राज सिंह के संपर्क में आयी थी. कुछ दिन बाद ही राहुल ने प्रत्युषा के साथ छल करते हुए उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था. हमने राहुल सिंह के खिलाफ बांगुर नगर पुलिस स्टेशन में अभियोग रिपोर्ट दर्ज करायी. हमें मराठी नहीं आती, इसलिए हम यह समझ नहीं पाये कि रिपोर्ट में आत्महत्या का मामला दर्ज किया गया है़ .
सोमा ने आवदेन में लिखा है कि मामले की सुनवाई की पहली तारीख में दिन्डोसी सेशन कोर्ट में अभियुक्त की अग्रिम याचिका खारीज होने के बाद मुंबई उच्च न्यायालय से अभियुक्त को अंतरिम जमानत मिल गयी़ प्रत्युषा की हत्या में राहुल के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन पुलिस ने हत्या की प्राथमिकी दर्ज नहीं की. सोमा बनर्जी ने पुलिस की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि राहुल सिंह नियमित रूप से ड्रग्स का सेवन करता था. वारदात के स्थान से कोई भी स्टूल या ऊंची वस्तु नहीं मिली, जिससे कि प्रत्युषा उस पर चढ़ कर पंखे से फांसी का फंदा बांध कर लटक सके.