पूर्व सांसद ने कहा कि कुछ ताकतें यह साजिश कर रही हैं कि अादिवासियों के बच्चे कम से कम पढ़ें और मजदूर बने़ं उरांव, मुंडा, हो, संताल, भील, गोंड आदि सभी एक ही आदिवासियत की डालियां है़ं हम अलग-अलग नहीं चल सकते़ यदि रांची में सशक्त आंदोलन खड़ा होगा, तो देशभर के आदिवासियों को ताकत मिलेगी़ दामोर ने ‘एक तीर एक कमान, सर्व आदिवासी एक समान’ और ‘हम आदिवासियों का नारा है, भारत वर्ष हमारा है’ का नारा दिया़ कहा कि एक-दूसरे से मिलें तो जय आदिवासी कहकर संबोधित करें.
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आदिवासी संस्कृति नष्ट करने की साजिश : दामोर
रांची : गुजरात के पूर्व सांसद एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमजी भाई दामोर ने कहा कि देश में आदिवासी संस्कृति को नष्ट करने की बड़ी साजिश चल रही है़ वे रविवार को हेहल के बगईचा टोली में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के सम्मान सह मिलन काे बतौर मुख्य अतिथि […]
रांची : गुजरात के पूर्व सांसद एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमजी भाई दामोर ने कहा कि देश में आदिवासी संस्कृति को नष्ट करने की बड़ी साजिश चल रही है़ वे रविवार को हेहल के बगईचा टोली में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के सम्मान सह मिलन काे बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
पूर्व सांसद ने कहा कि कुछ ताकतें यह साजिश कर रही हैं कि अादिवासियों के बच्चे कम से कम पढ़ें और मजदूर बने़ं उरांव, मुंडा, हो, संताल, भील, गोंड आदि सभी एक ही आदिवासियत की डालियां है़ं हम अलग-अलग नहीं चल सकते़ यदि रांची में सशक्त आंदोलन खड़ा होगा, तो देशभर के आदिवासियों को ताकत मिलेगी़ दामोर ने ‘एक तीर एक कमान, सर्व आदिवासी एक समान’ और ‘हम आदिवासियों का नारा है, भारत वर्ष हमारा है’ का नारा दिया़ कहा कि एक-दूसरे से मिलें तो जय आदिवासी कहकर संबोधित करें.
सिमोन उरांव ने भी किया संबोधित : पद्मश्री सिमोन उरांव ने भी संबोधित किया. कहा कि अन्न है तो जान है, पानी है तो धान है़ हर किसान को पानी मिलना चाहिए़ आदिवासियों की पारंपरिक व्यवस्था में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. सरकार कृषि योग्य जमीन का अधिग्रहण न करे. बंजर जमीन लें और रैयत को शेयरहोल्डर बनाये़.
आदिवासी जमीन की लूट : महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ अरुण उरांव ने कहा कि राजधानी में आदिवासी जमीन की बड़े पैमाने पर लूट हुई है़ कई एकड़ जमीन का मालिक रिक्शा चलाने और उसकी पत्नी दिहाड़ी मजदूर बनने को मजबूर है़ तीन महीनों में राज्यपाल, एसएसपी, मेयर व नगर निगम के सीइओ से मिलकर जमीन पर अवैध कब्जे के सबूत सौंपे है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है़ मुंकुंद नायक ने कहा कि आदिवासियों का हक दिलाने के लिए नये आंदोलन की जरूरत है.
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